ओडिशा के होटल में पिछले हफ्ते संदिग्ध परिस्थितियों में दो रूसी नागरिकों की मौत पर मनीष तिवारी ने सवाल उठाया है जिसमें उन्होंने कहा कि इसाई प्रथा के अनुसार दोनों के शव दफनाए क्यों नहीं गए। उनके शवों को जला क्यों दिया गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ओडिशा के एक होटल में पिछले हफ्ते संदिग्ध परिस्थितियों में दो रूसी नागरिकों की मौत पर सवाल उठाया। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि इसाई प्रथा के अनुसार दोनों के शव दफनाए क्यों नहीं गए। उनके शवों को जला क्यों दिया गया। रूसी सांसद और अरबपति बिजनेसमैन 65 साल के पावेल एंटव की 24 दिसंबर को होटल की तीसरी मंजिल से गिरने से मौत हो गई थी। वहीं, उनके साथी पर्यटक व्लादिमीर बिदेनोव 22 दिसंबर को होटल में मृत मिले थे।
जली लाशें कहानियां नहीं सुनातीं
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस घटन पर एक ट्वीट शेयर किया था। जिसमें उन्होंने लिखा कि हरक्यूल पॉयरोट कहते हैं कि जली हुई लाशें कोई कहानी नहीं बयां करतीं। बताते चलें कि हरक्यूल पोयरोट ब्रिटिश लेखक अगाथा क्रिस्टी द्वारा रचित एक काल्पनिक बेल्जियन जासूस है
मनीष तिवारी ने वीडियो में उठाए सवाल
इस मामले ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा क्योंकि एंटव ने इस साल की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण की आलोचना की थी। तिवारी ने पहले ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन रहस्यमयी परिस्थितियों को उजागर किया गया था जिनमें दो रूसी पर्यटक मृत पाए गए थे। इसमें उन्होंने कहा था, “रूसी ओलिगार्क… युद्ध का आलोचक… असामान्य होटल… रहस्यमय परिस्थिति में सहयोगी की मौत… एक सुविधाजनक खिड़की… एक और मौत… ईसाई होने के बावजूद दफनाए जाने की बजाय दोनों का अंतिम सरकार भारत में हुआ… शव रूस नहीं भेजे गए. अगर ये अप्राकृतिक नहीं है तो मैं कभी लॉ स्कूल नहीं गया.”
ओडिशा पुलिस ने साजिश से किया इनकार
पूरे घटनाक्रम को लेकरओडिशा पुलिस ने दोनों मौतों में किसी भी तरह की साजिश से इनकार किया है। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक सुनील बंसल ने पोस्टमार्टम परीक्षा के बाद कहा, ” यह कोई साजिश नहीं है। बायडानोव की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। वहीं, एंटव ने होटल की छत की छत से छलांग लगा दी थी।”
आवश्यकता पड़ी तो सीआईडी करेगी जांच-पुलिस
उन्होंने आगे कहा कि “लेकिन जिला पुलिस मौत के सही कारण की जांच कर रही है और सीआईडी जिला पुलिस को उनकी मौत की वजहों का पता लगाने में मदद करेगी। यदि जरूरी हुआ, तो सीआईडी पूरी तरह से मामले की जांच अपने हाथ में लेगी।”