केंद्र सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं की ब्याज में बढ़ोतरी कर दी गई है। इसका फायदा उन लोगों को अधिक होगा, जो बचत करने के लिए सरकारी बचत योजनाएं जैसे किसान विकास पत्र, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट और पोस्ट की टर्म डिपाजिट पर निर्भर करते हैं।
इस बढ़ोतरी के बाद जमाकर्ताओं को छोटी बचत योजनाओं पर आठ प्रतिशत तक का ब्याज मिल रहा है। 2022 में सरकार की ओर से सितंबर के बाद दिसंबर में लगातार दूसरी तिमाही में ब्याज दरों में इजाफा किया गया है। इससे पहले सरकार ने आखिरी बार जनवरी 2019 में ब्याज दर में इजाफा किया गया था।
छोटी बचत योजनाओं पर जनवरी- मार्च 2023 के लिए नई ब्याज दरें
- एक साल के टर्म डिपाजिट – 6.6 प्रतिशत
- दो साल के टर्म डिपाजिट – 6.8 प्रतिशत
- तीन साल के टर्म डिपाजिट – 6.9 प्रतिशत
- पांच साल के टर्म डिपाजिट – 7.0 प्रतिशत
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (NSC) – 7.0 प्रतिशत
- किसान विकास पत्र (KVP) – 7.2 प्रतिशत
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) – 8.0 प्रतिशत
इन छोटी बचत योजनों में नहीं बढ़ीं ब्याज दरें
सरकार ने इस बार छोटी बढ़त योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंड फंड, सुकन्या समृद्धि योजना और पोस्ट ऑफिस आवर्ती जमा की ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। मौजूदा समय में पब्लिक प्रोविडेंड फंड पर 7.1 प्रतिशत, सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 प्रतिशत और पोस्ट ऑफिस आवर्ती जमा की ब्याज पर 5.8 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है।
RBI ने भी रेपो रेट में इजाफा किया
आरबीआई की ओर से 2022 में महंगाई को कम करने के लिए पांच बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया है, जिस कारण रेपो रेट 4 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गया है। इस वजह से देश में सरकारी और निजी बैंकों की ओर से एफडीकी ब्याज दरों में इजाफा किया जा चुका है।