बौद्ध धर्म के अनुयायी दलाई लामा ने चीन सरकार बौद्ध धर्म को खत्म करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चीन बौद्ध धर्म को खत्म करने की कोशिश कर रही है लेकिन उनकी यह कोशिश सफल नहीं हो सकती है।
चीन की हर कोशिश होगी नाकाम- दलाई लामा
बोधगया में समारोह के दौरान दलाई लामा ने कहा कि हमारा बौद्ध धर्म में पूरा विश्वास है। जब मैं ट्रांस हिमालय के क्षेत्रों में जाता हुं तब मुझे वहां के स्थानीय लोगों में बौद्ध धर्म के प्रति लोगों की पूरी आस्था मिलती है। उन्होंने कहा कि यही स्थिति मंगोलिया और चीन में भी भले ही चीन की सरकार बौद्ध धर्म को जहरीला और खत्म करने का प्रयास कर रही हो। लेकिन वह अपनी इन कोशिशो में सफल नहीं हो पाएगी। चीन ने बौद्ध धर्म को कई बार नुकसान पहुंचाया है लेकिन धर्म को कभी भी चीन से खत्म नहीं किया जा सकता है क्योंकि आज भी चीन में बौद्ध धर्म को मानने वाले कई लोग मौजूद हैं।
धर्म को जहरीला बताने के बावजूद भी चीन में बौद्ध धर्म के अनुयायी मौजूद
दलाई लामा ने अपने संबोधन में चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन ने कई बौद्ध मठों को खत्म किया है लेकिन फिर भी चीन में बौद्ध धर्म को मनाने वालों की संख्या में कोई भी कमी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आज भी चीन में बौद्ध धर्म के कई मठ मौजूद हैं और लोगों का बौद्ध धर्म से गहरा संबध है। उन्होंने कहा कि जो लोग मुझमें आस्था के साथ साथ बौद्ध धर्म में आस्था दिखा रहे हैं उन्हें मेरे द्वारा प्रदान किए जा रहे बोधिचित्त को स्वीकार करना चाहिए। तिब्बती हो या मंगोलियाई या चीन के ही लोगों हो उन्हें बोधोचित्त को अपनाना चाहिए।
सीएम पेमा खांडू भी समारोह में रहे मौजूद
दलाई लामा ने कहा कि हम सभी इस पवित्र भूमि से यह संकल्प लेकर जाएं की इस धरती पर सभी जीवो के हित के लिए मैं भगवान बुद्ध, धम्म और संघ की शरण में जाता हूं। उसके बाद उन्होंने सभी को दीक्षा दी। धर्मगुरु के प्रति लामा और अनुयायियों ने श्रद्धा पूर्वक आभार व्यक्त किया कि आपने हमें इस पवित्र भूमि पर उपदेशीत किया और आपने जो कहा है उसका मैं अनुसरण कर बोधिसत्व व शून्यता का अभ्यास करूंगा। उपदेश समापन सत्र में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी शामिल रहे।