भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा के सदस्य रंजन गोगोई ने गुरुवार को असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा की एक डायरी का विमोचन किया है। इस डायरी का नाम ‘चीफ मिनिस्टर्स डायरी नंबर 1’ है, इसे खुद असम के सीएम हेमन्त बिस्वा सरमा ने लिखा है। इस डायरी में सीएम बिस्वा के कार्यकाल के पहले साल का पूरा विवरण किया गया है।
अपने कार्यों को किया वर्णित
अपने डायरी के विमोचन के मौके पर सीएम बिस्वा ने कहा कि उनके व्यक्तिगत जीवन को सुर्खियों में लाए बिना उन्होंने इस डायरी में एक मुख्यमंत्री के रूप में किए गए अपने दैनिक गतिविधियों के बारे में बताया है।
उन्होंने खुद को भाग्यशाली मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उन्हें 1950 के भयावह भूकंप, 1962 के भारत-चीन युद्ध या असम आंदोलन जैसी किसी भी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा, जिसके कारण वह असम के विकास पर ध्यान देने में सक्षम रहे हैं। उनकी डायरी में पिछले 11 महीनों में हुए राज्य के विकास के बारे में वर्णित किया गया है।
चार सालों में आएंगे संस्करण
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करते समय ली गई शपथ की पवित्रता का उल्लंघन किए बिना, उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने दिन-प्रतिदिन की विकास गतिविधियों को इस डायरी में गिनाने की कोशिश की है। सीएम बिस्वा सरमा ने कहा है कि अगले चार सालों में वो अपनी डायरी के आगे के संस्करण भी निकालेंगे। उन्होंने अपनी डायरी के विमोचन के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का भी धन्यवाद किया।
‘वकीलों की बिरादरी ने एक सक्षम वकील खोया’
इस अवसर पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि डॉ सरमा के साथ उनके संबंध कई वर्ष पहले से है। गोगोई ने बताया कि जब सीएम बिस्वा एक वकील थे तब से वे दोनों एक-दूसरे को जानते हैं लेकिन हेमन्त बिस्वा सरमा ने वकालत छोड़कर राजनीति में अपना कदम जमाया। इससे वकालत के क्षेत्र में एक कामयाब व्यक्ति की कमी हो गई लेकिन राजनीति को इससे बहुत फायदा हुआ है।