राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि का पहला अग्रिम अनुमान शुक्रवार शाम को जारी करेगा। ये एक फरवरी को लोकसभा में पेश होने वाले आम बजट से तीन हफ्ते पहले जारी किए जा रहे हैं।
इसमें वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान होने वाली राष्ट्रीय आय का अनुमान बताया जाएगा। इस डाटा का प्रयोग केंद्र सरकार की ओर से बजट तैयार करने के के लिए किया जाएगा। बता दें, सरकार वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को तैयार कर रही है। ऐसे में ये डाटा बेहद महत्वपूर्ण होता है।
विकास दर का अनुमान
पिछले महीने आरबीआई की ओर से नई मौद्रिक नीति जारी की गई थी। इसमें आरबीआई ने रेपो रेट 0.35 प्रतिशत बढ़ाने के साथ अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान 7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया। विकास दर घटाने के पीछे केंद्रीय बैंक ने कहा था कि वैश्विक तनाव और दुनिया के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दर बढ़ाने का देश की विकास दर पर देखने को मिल सकता है। आगे आरबीआई ने अनुमान में कहा था कि तीसरी तिमाही में विकास दर 4.4 प्रतिशत और 4.2 प्रतिशत रहा था।
लगातार विकास दर का अनुमान घटा रहा केंद्रीय बैंक
अप्रैल 2022 में केंद्रीय बैंक ने अनुमान जताया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था विकास दर चालू वित्त वर्ष में 7.8 प्रतिशत से घटकर 7.2 प्रतिशत रहा सकती है, जिसके बाद पिछले साल सितंबर में विकास दर के अनुमान को घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया था।
वर्ल्ड बैंक ने जताया भारत पर भरोसा
वर्ल्ड बैंक ने हाल के जारी किए अनुमान में भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते हुए विकास दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। वहीं, आईएमएफ भी भारत के विकास दर का अनुमान 7 प्रतिशत बरकरार रखा था।