चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि कोविड से करीब 60 हजार लोगों की हुई मौत..

चीन में कोरोना ने हाहाकार मचा दिया है। नए साल से पहले कोरोना के नए वेरिएंट ने चीन में दस्तक दी थी। कोरोना मरीजों से चीन के अस्पताल भर गए । चीन में कोरोना से मौत के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे थे लेकिन चीन ने कभी भी अधिकारिक रुप से मौत के आंकड़ों को जारी नहीं किया था।

दुनियाभर से उठ रहे सवालों के बीच चीन ने शनिवार को कोविड जीरो पॉलिसी हटने के बाद पहली बार बुलेटिन जारी किया है। इस बुलेटिन में कोविड से मरने वालों की संख्या 60 हजार के करीब है। दिसंबर की शुरुआत में व्यापक विरोध के बाद लगातार परीक्षण, यात्रा प्रतिबंध और बड़े पैमाने पर लॉकडाउन के अपने सख्त तीन साल के एंटी-वायरस शासन को चीन ने अचानक समाप्त कर दिया था और तब से 1.4 बिलियन के देश भर में मामले बढ़ गए हैं।

60 हजार लोगों की गई जान

कोविड जीरो पॉलिसी हटने के बाद पहली बार चीन ने कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा जारी किया है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के चिकित्सा प्रशासन ब्यूरो के प्रमुख जिओ याहुई ने प्रेस कांफ्रेंस करके आंकड़े जारी किए। उन कहा कि चीन में करीब 60 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान कोरोना संबंधित बिमारियों की वजह से हुई हैं।

जिओ याहुई ने आगे बताया कि 8 दिसंबर और 12 जनवरी के बीच, चीनी अस्पतालों में कोरोना से संबंधित मौतों की संख्या कुल 59,938 थी। इसमें से 5,503 लोगों की मौत कोरोना के चलते सांस लेने में हो रही दिक्कत के कारण हुई थी।

खत्म हो गया कोरोना का भयानक दौर

जिओ याहुई के अनुसार, अब कोरोना का पीक खत्म हो गया है। दिसंबर में कोरोना चीन में हाहाकार मचा रहा था। 23 दिसंबर को अस्पतालों में जाने वाले लोगों की दैनिक संख्या 2.9 मिलियन थी और अब गुरुवार को 83 प्रतिशत घटकर ये 477,000 हो गई है।

जिओ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “चीन की ओर से जारी किए गए इन आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना का राष्ट्रीय आपात शिखर बीत चुका है।”

आंकड़ों पर उठ रहे सवाल

चीन की ओर से जारी किए कोरोना के मौत के आंकड़ों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चीन की सरकार ने मरने वालों की संख्या 60 हजार बताई है, लेकिन असल में ये आंकड़े और भी भयावह हो सकते हैं। अगस्त 2022 में चीन ने कोरोना से होने वाली मौतों की गिनती का तरीका बदल दिया था। चीन ने सिर्फ सांस की बीमारी और निमोनिया से हुई मौतों को ही कोरोना से जोड़ा है। यह तरीका विश्व स्वास्थ्य संगठन के बताए गए फॉर्मूले से बिल्कुल अलग है।

काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में वैश्विक स्वास्थ्य के सीनियर फेलो यानझोंग हुआंग ने कहा, ‘यह स्पष्ट नहीं है कि नया डेटा वास्तविक मृत्यु को सटीक रूप से दर्शाता है क्योंकि डॉक्टरों को कोरोना से संबंधित मौतों की रिपोर्ट न बताने का दबाव बनाया गया था और संख्याओं में केवल अस्पतालों में हुई मौतें शामिल थीं। उन लोगों का क्या जो दूर-दराज के इलाके में थे और अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाए। ग्रामीण इलाकों में कई बुजुर्गों की घर पर मृत्यु हो गई, लेकिन परीक्षण किट की कमी या परीक्षण करने की उनकी अनिच्छा के कारण कोरोना के लिए परीक्षण नहीं किया गया था।”

डब्ल्यूएचओ ने दी थी चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार कोरोना को लेकर चीन को सतर्क रहने के लिए आगाह करता आया है। चीन में लूनर न्यू ईयर के समय पर होने वाले सेलिब्रेशन और यातायात को लेकर डब्ल्यूएचओ ने चेताया था। लूनर न्यू ईयर में 200 करोड़ लोगों के आने-जाने की संभावना है ऐसे में कोरोना के मामलों में भी वृद्धि आई थी।

चीन ने 8 जनवरी को अपनी सीमाओं को फिर से खोल दिया था। संक्रमण के बढ़ते मामलों और मौत के बढ़ते आंकड़ों के बावजूद चीन में हवाई यात्रा को भी फिर से शुरु कर दिया था। डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के अनुसार ही इस वक्त चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े थे।

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