पाकिस्तान में राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों की हालत बर्बाद..

 पाकिस्तान की मौजूदा स्थिती हर बीतते दिन के साथ बिगड़ती जा रही है। अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर अगले कुछ हफ्तों के भीतर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यक्रम को फिर से शुरू नहीं किया जाता है, तो पाकिस्तान की हालत और भी बदतर हो सकती है।

दलदल में डूबता जा रहा पाकिस्तान

इससे पहले, आईएमएफ (IMF) ने पाकिस्तान को दक्षिण एशिया की सबसे कमजोर अर्थव्यवस्था करार दिया था। विश्व बैंक की ग्लोबल इकॉनमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट के अनुसार इस साल पातकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर केवल 1.7% रहेगी। कोई सुधार न होने के कारण अब आईएमएफ भी अपने 24 वें ऋण को मंजूरी देने में देरी कर रहा है। उधर, सउदी और संयुक्त अरब अमीरात ने भी मुफ्त में हर चीज न देने पर पाकिस्तान को चेतावनी दे डाली है।

पाकिस्तान को करना होगा सुधार

एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ से मदद मांगी थी, लेकिन आईएमएफ ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने की शर्त रखी थी। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं किया गया। अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, खाड़ी के दोस्तों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को संदेश दिया है कि अगर पाकिस्तान को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारनी है तो उसे सुधारों को लागू कर और उन्हें अंतिम तक पहुंचाना होगा।

दोनों की हालत बर्बाद

पाकिस्तान को यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान वर्तमान में चिकन-एंड-द-एग सिंड्रोम की चपेट में है। पाकिस्तान अत्यधिक निष्क्रिय राज्य के साथ राजनीति और अर्थव्यवस्था के अस्तित्व संबंधी बहुआयामी संकट का सामना कर रहा है। यह लोकतंत्र और ऋण से कहीं अधिक है।

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