बरामदे में धूप सेक रही बुजुर्ग महिला बंदरों के हमले से घायल हो गई। इसकी वजह से उपचार में आए खर्च का भुगतान अब महिला ने वन विभाग से मांगा है।
प्रभागीय वनाधिकारी नितीश मणि त्रिपाठी को पत्र भेज उपचार में आए खर्च का ब्योरा दिया गया है, जिसमें करीब पौने दो लाख रुपये भुगतान की मांग की गई है।
बंदरों के झुंड ने आठ दिसंबर को हमला बोल दिया था
इंदिरा नगर निवासी डा. विनोद बाला यादव ने बताया कि बीते आठ दिसंबर को वह अपने घर के बरामदे में धूप सेक रही थीं। तभी अचानक बंदरों के झुंड ने उन पर हमला बोल दिया।
बंदरों से बचने के लिए भागीं और गिरकर घायल हो गईं
81 वर्षीय विनोद बाला बंदरों से बचने के लिए भागीं और गिरकर घायल हो गईं। उनके पति और पड़ोसियों ने बंदरों को भगाया। घर के अंदर जाकर वे लेट गईं, लेकिन पांच-छह घंटे बाद उन्हें पता चला कि दायां पैर ठीक से काम नहीं कर रहा है।
एक्स-रे कराया तो पता चला कि कूल्हा डिस्लोकेट हो गया है
12 दिसंबर को जब उन्होंने एक्स-रे कराया तो पता चला कि उनका कूल्हा डिस्लोकेट हो गया है। 13 दिसंबर को वह अस्पताल गईं जहां उन्हें चिकित्सकों ने बताया कि उनके पैर में फ्रैक्चर भी है। इस दौरान वह नौ दिन अस्पताल में भर्ती रहीं और इसके बाद भी लंबी दवा चली।
उपचार में कुल पौने दो लाख रुपये से अधिक का खर्च आया
महिला का दावा है कि उनके उपचार में कुल पौने दो लाख रुपये से अधिक का खर्च आया। जिसमें एंबुलेंस, जांच, अस्पताल का कमरा, दवा आदि शामिल हैं।
महिला का कहना है कि उनके पति की नौकरी नहीं और वह भी पेंशन से गुजारा करती हैं। ऐसे में बंदरों के हमले के कारण हुए उनके खर्च को वन विभाग की ओर से अदा किया जाए।