हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है इस दिन भगवान विष्णु की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से सभी दुख और समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं इस व्रत के नियम और उपाय।
प्रत्येक मास में एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का पालन किया जाता है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन जया एकादशी व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और साधक को पिशाच योनि के भय से मुक्ति मिल जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास का अंतिम एकादशी व्रत 01 फरवरी 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन साधकों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए और कुछ उपाय करने चाहिए, जिनसे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
जया एकादशी पर क्या न करें
- जया एकादशी के दिन व्यक्ति को चावल, पान, बैंगन, गोभी, जौ या पालाक इत्यादि का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से से दोष उत्पन्न होने का भय बढ़ जाता है।
- एकादशी तिथि के तामसिक भोजन का सेवन वर्जित है। ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। इस दिन मदिरा, मांस, प्याज या लहसुन का सेवन न करें। सात्विक आहार ही ग्रहण करें।
- एकादशी व्रत का पालन कर रहे साधकों को किसी अन्य व्यक्ति के विषय में बुरा या कड़वा नहीं सोचना चाहिए। ऐसा करने से उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।
- एकादशी तिथि के दिन घर में झाड़ू का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि झाड़ू के प्रयोग से छोटे जीवों की हत्या का भय बढ़ जाता है, जिससे जीव हत्या का दोष लग सकता है।
जया एकादशी पर करें ये कार्य
- जया एकादशी पर पवित्र स्नान और दान का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन हो सके तो पवित्र गंगा नदी में स्नान करें और केसर, हल्दी या केला का दान करें।
- एकादशी के दिन व्रत पालन करें और जय एकादशी व्रत कथा का श्रवण करें। ऐसा करना साधकों के लिए अत्यंत फलदाई माना जाता है और भक्तों को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- इस दिन घर आए किसी भी साधु-संत को खाली हाथ घर से ना लौटाएं। अन्न, धन या वस्त्र का दान करने से पुण्य के समान लाभ मिलता है।
- एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की उपासना में तुलसी पत्र और पंचामृत का प्रयोग अवश्य करें। यह दोनों चीजें श्री हरि को सर्वाधिक प्रिय है।