प्रमुख अमेरिकी सदन में भारतीय मूल के चार सांसदों को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। राजा कृष्णमूर्ति प्रमिला जयपाल एमी बेरा और रो खन्ना को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं। अमेरिकी राजनीति में भारतीयों का प्रभाव बढ़ता नजर आ रही है।
चार भारतीय-अमेरिकी सांसदों को अमेरिकी सदन समितियों के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। इन चारों सदस्यों में राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल, एमी बेरा और रो खन्ना शामिल हैं। इन सदस्यों की नियुक्ति अमेरिकी राजनीति में समुदाय के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
चीन से जुड़े मुद्दों पर करेंगे गौर
कांग्रेसी कृष्णमूर्ति को बुधवार को संयुक्त राज्य अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति में रैंकिंग सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। यह समिति चीन की उन कार्रवाइयों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गौर करेगी, जिससे अमेरिका और दुनिया को खतरा हो सकता है। कृष्णमूर्ति ने कहा कि चीन संयुक्त राज्य अमेरिकी और दुनिया भर में लोकतंत्र और समृद्धि के लिए गंभीर आर्थिक और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है।
कृष्णमूर्ति के साथ रो खन्ना संभालेंगे ये जिम्मेदारी
भारतीय-अमेरिकी सांसद डॉ. रो खन्ना को भी कृष्णमूर्ति के साथ इस समिति का सदस्य बनाया गया है। इस समिति का गठन रिपब्लिकन हाउस के अध्यक्ष केवम मैक्कार्थी द्वारा 118वीं कांग्रेस में संयुक्त राज्य अमेरिका की आर्थिक तकनीकी और सुरक्षा प्रतिस्पर्धा को संबोधित करने के लिए जांच और नीति विकसित करने के विशिष्ट उद्देश्य के लिए किया गया था।
खन्ना ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया पेश करते हुए कहा, “मैं संयुक्त राज्य अमेरिकी और चीन कम्युनिस्ट पार्टी के बीच सामरिक प्रतिस्पर्धा पर प्रवर समिति में नियुक्ति होने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हम एशियाई-विरोधी नस्लवाद और एशियाई अमेरिकी समुदाय को लक्षित घृणा अपराधों में वृद्धि की निंदा करते हुए चीन के कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ सख्त रवैया अपनाएंगे।
उपसमिति के लिए नेतृत्व की भूमिका निभाने वाली पहली महिला अप्रवासी
महिला सांसद प्रमिला जयपाल को इमीग्रेशन पर अमेरिकी संसद के निचले सदन की शक्तिशाली न्यायिक समिति का रैंकिंग सदस्य नामित किया गया है। इस पद को हासिल करने के बाद प्रमिला उपसमिति के लिए नेतृत्व की भूमिका निभाने वाली पहली अप्रवासी बन गई हैं।नियुक्ति के बाद जयपाल ने कहा, “अमेरिका की प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गई पहली दक्षिण एशियाई महिला के रूप में, मैं इमिग्रेशन पर सदन की उपसमिति की रैंकिंग सदस्य के रूप में सेवा देने का अवसर मिलने से सम्मानित महसूस कर रही हूं।” साथ ही जयपाल ने बताया कि वो जब अमेरिकी आई थी तो 16 वर्ष की थी और अब तक के अमेरिकी का सफर काफी शानदार रहा है।
खुफिया एक्टिविटी की जानकारी रखेंगे डॉ एमी बेरा
भारतीय-अमेरिकी सांसद डॉ. एमी बेरा को खुफिया मामलों से जुड़ी सदन की एक शक्तिशाली संसदीय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। द हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के पास केंद्रीय खुफिया एजेंसी, नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर के कार्यालय, नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी के साथ-साथ सेना के खुफिया प्रोग्राम सहित देश की खुफिया एक्टिविटी की निगरानी करने की जिम्मेदारी होती है।
एमी बेरा ने एक प्रेस विज्ञाप्ति में कहा, “हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में करने के लिए लीडर जेफरीज ने मुझे नियुक्त किया है जिसके लिए मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। दोश और विदेश दोनों में बढ़ते खतरे के समय, मैं इस नई भूमिका को गंभीरता से लेता हूं और अमेरिकी परिवारों की सुरक्षा और बचाव के लिए जो जिम्मेदारी दी गई है उसे भी निभाने की कोशिश करूंगा।