यूपी के अमरोहा जिले में परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को वितरित की जाने वाली कापी किताबें कबाड़ में बेंच दी गईं। मामले में फर्म संचालक समेत दो लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। वहीं किताबें भी बरामद कर ली गईं हैं।
हसनपुर तहसील क्षेत्र के गंगेश्वरी ब्लाक के परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को वितरित करने वाली सरकारी किताबें रद्दी में बेचे जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज हो गई है। गंगेश्वरी की खंड शिक्षा अधिकारी आयशा बी की तहरीर पर किताब वितरण करने वाली पंजीकृत फर्म के स्वामी तथा सप्लायर के खिलाफ सैदनगली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
18 जनवरी को अंतिम बार में आईं थीं किताबें
नियमानुसार किताबों का वितरण 30 अप्रैल तक होना चाहिए लेकिन, किताबों के लेट आने की वजह से शिक्षा सत्र समाप्ति की ओर होने के बावजूद अभी तक किताब कार्य चल रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अंतिम बार में किताबें 18 जनवरी को आई थी। जिनका वितरण चल रहा है। ब्लाक क्षेत्र में 201 विद्यालय हैं। इसलिए जरूरत के सापेक्ष सभी स्कूलों में किताबों की पूर्ति की जा रही है। उल्लेखनीय है कि करीब सात हजार किताबें शाहपुर कला के एक कबाड़ी ने सैदनगली थाना क्षेत्र के गांव कनैटा में अपने ससुर फारूक के घर सोमवार शाम को उतारी थी।
डीसीएम में भरकर किताबों को ठिकाने लगाने की थी तैयारी
मंगलवार दोपहर किताबें डीसीएम में भरकर ठिकाने लगाने ले जाई जा रही थी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस किताबें बरामद कर थाने ले गई थी। उधर सरकारी किताबें कबाड़े में बेचे जाने की सूचना मिलने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता वर्मा, नायब तहसीलदार महेंद्र सिंह यादव तथा गंगेश्वरी की खंड शिक्षा अधिकारी आयशा बी ने देर रात तक सैदनगली थाने में डेरा डाले रखा। पूरे मामले की गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है। खंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि सरकारी किताबें रद्दी में बेचने के मामले में जो भी दोषी होंगे बख्शे नहीं जाएंगे। सैदनगली के प्रभारी निरीक्षक रणवीर सिंह ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर दो लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
यह है किताब वितरण की प्रक्रिया
अमरोहा जनपद का पुस्तक भंडार गजरौला में है। यहां एक खंड शिक्षा अधिकारी तथा एक एआरपी पुस्तक वितरण कराने का कार्य देखते हैं। गजरौला पुस्तक भंडार से सप्लायर पुस्तकों को पहले ब्लाक संसाधन केंद्र पर ले जाते हैं। ब्लाक संसाधन केंद्र पर जितनी किताबें उतारी जाती है उनका चालान वरिष्ठ लिपिक को दिया जाता है। इसके बाद विद्यालयों में तैनात शिक्षकों से मांग पत्र एवं छात्र संख्या ली जाती है। इसके बाद सप्लायर बीआरसी केंद्र से किताबें लेकर संबंधित न्याय पंचायत के संकुल प्रभारी की देखरेख में स्कूलों में वितरित कर शिक्षकों को रिसीव कराते हैं तथा शिक्षकों द्वारा दी गई रिसीव सिलिप बीआरसी केंद्र पर जमा करते हैं।