पुलिस की कार्रवाई के विरोध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को प्रदेश बंद का आह्वान किया है। वहीं बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए जिलाधिकारी सोनिका ने संबंधित क्षेत्र में धारा-144 लागू की है।
भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले की सीबीआइ जांच व नकलरोधी कानून लागू होने तक भर्ती परीक्षाएं स्थगित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही भीड़ और पुलिस के बीच गुरुवार को टकराव हो गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जिसके दोनों ओर के कई लोग घायल हो गए।
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को प्रदेश बंद का आह्वान किया है। उन्होंने बेरोजगारों से अपने-अपने जिलों में धरना-प्रदर्शन करने की अपील की है। वहीं कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और उक्रांद ने संघ के समर्थन में सरकार के विरुद्ध आंदोलन करने की घोषणा की है।
इसी क्रम में देहरादून सहित पूरे राज्यभर में पुलिस बल तैनात है। राजधानी देहरादून को तो छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए जिलाधिकारी सोनिका ने संबंधित क्षेत्र में धारा-144 लागू की है।
साथ ही सभी उपजिलाधिकारियों को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक, उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह पुलिस क्षेत्राधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर तय करें कि जिन क्षेत्रों में जरूरत महसूस हो रही है, वहां धारा-144 लागू कर दी जाए।
बेरोजगार युवाओं ने अपनी मांगें मनवाने के लिए बुधवार को गांधी पार्क के बाहर सत्याग्रह शुरू किया था। यहां से देर रात पुलिस ने उन्हें उठा दिया। इससे गुस्साए युवा गुरुवार सुबह गांधी पार्क में जुटने लगे। कुछ ही देर में हजारों की संख्या में युवक-युवतियां इकट्ठा हो गए। उन्होंने गांधी पार्क के सामने दोनों तरफ सड़क जाम कर दी।
प्रदर्शन कर रही भीड़ और पुलिस के बीच टकराव हो गया। उग्र भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव किया। पुलिस के वाहनों को भी निशाना बनाया। देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई।
पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। पथराव और लाठीचार्ज में प्रेमनगर के थानाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट समेत 20 से अधिक लोग चोटिल हो गए। घायलों में प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं। इनमें कुछ को अस्पताल में प्राथमिक उपचार देना पड़ा।
पथराव से पुलिस के पेट्रोलिंग वाहन के शीशे टूट गए। कुछ दोपहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। शहर का मुख्य मार्ग जाम कर रहे प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए पहुंची डीएम सोनिका, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर और सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान के साथ भी भीड़ ने अभद्रता की। कुछ अधिकारियों पर भीड़ की तरफ से प्लास्टिक की बोतलें भी फेंकी गईं।
इस घटनाक्रम के चलते राजपुर रोड पर घंटाघर से एस्लेहाल तक छह घंटे वाहनों की आवाजाही ठप रही। इसका असर शहर के अन्य मार्गों की यातायात व्यवस्था पर भी पड़ा। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदर्शन के दौरान हुए पथराव और बल प्रयोग की वजह से विषम परिस्थितियां उत्पन्न होने के मामले में मुख्य सचिव एसएस संधु को मजिस्ट्रेटी जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
देर शाम पुलिस ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार सहित 60 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने अराजकता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद किसी तरह राजपुर रोड पर यातायात सुचारु करवाया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए घटनाक्रम की आंच प्रदेश के अन्य जिलों तक भी पहुंची। यहां भी बेरोजगार युवाओं ने प्रदर्शन कर सरकार पर हमला बोला।