छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए पहले चरण की 20 सीटों पर नामांकन और नाम वापसी की प्रक्रिया होने के बाद अब 223 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। जानकारी के मुताबिक राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक छह प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस लिया है। पहले चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 40 लाख 78 हजार 681 हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए पहले चरण की 20 सीटों पर नामांकन और नाम वापसी की प्रक्रिया होने के बाद 30 प्रत्याशियों ने चुनावी मैदान से दूरी बना ली है। इसके बाद अब 223 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की जानकारी के मुताबिक, राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक छह प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस लिया है।
इन सीटों पर होगा चुनाव
विधानसभा निर्वाचन 2023 अंतर्गत प्रथम चरण में अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 13, भानुप्रतापपुर में 14, कांकेर में नौ, केशकाल में 10, कोंडागांव में आठ, नारायणपुर में आठ, बस्तर में आठ, जगदलपुर में 11, चित्रकोट में सात, दंतेवाड़ा में सात, बीजापुर में आठ, कोंटा में आठ, खैरागढ़ में 11, डोंगरगढ़ में 10, राजनांदगांव में 29, डोंगरगांव में 12, खुज्जी में 10, मोहला-मानपुर में नौ, कवर्धा में 16 तथा पंडरिया में 14 प्रत्याशी शेष बचे हैं।
40 लाख से अधिक मतदान तय करेंगे किस्मत
पहले चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 40 लाख 78 हजार 681 हैं, जिसमें 19 लाख 93 हजार 937 पुरुष, 20 लाख 84 हजार 675 महिलाएं तथा 69 तृतीय लिंग के मतदाता शामिल हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल पांच हजार 304 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
विरोध के बीच फंसी कांग्रेस और भाजपा
चुनावी रण में कांग्रेस और भाजपा के लिए चिंता थोड़ी बढ़ गई है। दरअसल, कांग्रेस ने सभी 90 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, जिसके बाद कुछ सदस्यों में रोष है। माना जा रहा है कि कुछ प्रत्याशी नामांकन फॉर्म खरीदकर निर्दलीय ही मैदान में उतरने वाले हैं।
वहीं, भाजपा ने 90 में से 86 प्रत्याशियों का नाम जारी कर दिया है, जिससे कुछ सीटों पर असंतोष की लहर है। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि पार्टी अपने रूठे सहयोगियों को मनाने में कामयाब होगी।
काटे गए विधायकों के टिकट
इस बार कांग्रेस ने अपने 22 विधायकों का टिकट काटा है, तो वहीं भाजपा ने 13 में से मात्र विधायक को चुनाव मैदान से बाहर किया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में राजनीतिक समीकरण में थोड़ा उथल-पुथल देखने को मिलेगा, क्योंकि कई जिलों में बगावत से सुर फूटने लगे हैं।
दूसरे चरण का मतदान
दूसरे चरण की 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सोमवार को कुल 59 नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सबसे अधिक अहिवारा और सक्ती विधानसभा क्षेत्रों में चार-चार नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं।
चंद्रपुर, जैजैपुर, रायपुर ग्रामीण, डौंडीलोहारा से तीन-तीन, मनेन्द्रगढ़, कोटा, मस्तूरी, बिलाईगढ़, कुरूद, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, साजा, बेमेतरा, कटघोरा से दो-दो, भरतपुर-सोनहत, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, सामरी, रायगढ़, सारंगढ़, रामपुर, मरवाही, तखतपुर, बिलासपुर, अकलतरा, पामगढ़, बसना, खल्लारी, भाटापारा, अभनपुर, राजिम, बिन्द्रानवागढ़, सिहावा, गुंडरदेही, पाटन, दुर्ग ग्रामीण, वैशाली नगर से एक-एक नामांकन पत्र दाखिल किए गए है। इस प्रकार अब तक 43 अभ्यर्थियों ने 64 नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।
30 अक्टूबर तक दाखिल होंगे नामांकन पत्र
उल्लेखनीय है कि विधानसभा निर्वाचन 2023 अंतर्गत द्वितीय चरण में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग तथा सरगुजा संभाग के कुल 70 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। प्रदेश में द्वितीय चरण में हो रहे निर्वाचन के लिए प्रत्याशी 30 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। द्वितीय चरण के लिए नामांकन पत्रों की संवीक्षा 31 अक्टूबर को होगी। अभ्यर्थियों द्वारा नाम वापस लेने की अंतिम तिथि दो नवंबर हैं।
70 सीटों के लिए होगा मतदान
विधानसभा निर्वाचन 2023 अंतर्गत द्वितीय चरण में भरतपुर-सोनहट, मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुंड्रा, अंबिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, रायगढ़, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार, मरवाही, कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, मस्तूरी, अकलतरा, जांजगीर-चांपा सहित अन्य सीटों के लिए मतदान होगा।
कांग्रेस के 29 लोगों ने दिया त्यागपत्र
कांग्रेस ने इस बार विधायक अनूप नाग का पत्ता काट दिया, जिसके बाद उनके बगावती सुर देखने को मिले हैं। दरअसल, टिकट कटने के बाद नाग बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं और उनके समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक प्रतिनिधि सहित 29 लोगों ने प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। इन लोगों में पार्टी संगठन के कई जिम्मेदार पदाधिकारी भी शामिल हैं।
बताया जाता है कि प्रत्याशी बदलने से पहले किसी की राय नहीं ली गई थी, जिसके कारण कार्यकर्ता नाराज थे। जिसके कारण सभी ने पार्टी से त्यागपत्र देकर अनूप नाग का प्रचार करने का निर्णय लिया है।