करण जौहर: ‘इस काम को न करने पर मां से पड़ती थी करण जौहर को डांट’

बॉलीवुड इंडस्ट्री के मशहूर निर्माता करण जौहर रियलिटी शो ‘कॉफी विद करण सीजन 8’ को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। करण का यह शो डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 26 अक्तूबर यानी कल से शुरू होने वाला है। निर्माता अक्सर अपने जीवन से जुड़े किस्सों को फैंस के साथ शेयर करते रहते हैं। इस बीच, करण जौहर ने एक चैट शो में अपने बचपन के किस्से को साझा किया है। साथ ही इस कारण से मां से पड़ने वाली डांट को भी याद किया है।

बचपन का किस्सा किया साझा
करण जौहर ने बातचीत में बताया कि उनकी परवरिश शुरू से ही आरामदायक रही है लेकिन उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया था जब करण को अपनी मां हीरू जौहर से डांट मिली। करण ने अपनी फिल्म कभी खुशी कभी गम के एक सीन से बचपन के इस किस्से को जोड़ा। निर्माता ने हंसते हुए पूछा कि क्या आपने देखा है कि मेरी फिल्म में छोटा रोहन किशोरावस्था तक अपने जूते के फीते नहीं बांध पाता था।

बचपन में मां से पड़ती थी डांट
निर्माता ने अपने बचपन के किस्से को याद करते हुए बताया कि 12 साल की उम्र में वह अपने जूते के फीते भी नहीं बांध पाते थे। हमेशा इस बात को लेकर उन्हें अपनी मां हीरू जौहर से डांट पड़ती थी। करण ने कहा, ‘कभी खुशी कभी गम के उस दृश्य में वह मैं ही था, जिसमें जूते के फीते न बांध पाने की क्षमता नहीं थी। वास्तव में, मुझे अपनी मां से केवल इसलिए डांट खानी पड़ी क्योंकि 12 साल की उम्र में मैं अपने जूते के फीते नहीं बांध पाता था।’

‘कॉफी विद करण 8’ को करेंगे होस्ट
करण जौहर के वर्कफ्रंट की बात करें तो निर्माता ने सात साल बाद फिल्म ‘रॉकी रानी की प्रेम कहानी’ का निर्देशन किया। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया। फिल्म में आलिया भट्ट और रणवीर सिंह मुख्य भूमिका में हैं। वहीं, अब करण जौहर रियलिटी शो ‘करण सीजन 8’ को लेकर चर्चा में हैं।

इस्राइली सेना ने गाजा पट्टी के लोगों से उन स्थानों के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया है, जहां इस्राइली नागरिकों को बंधक बनाकर रखा गया है। उन्होंने जानकारी देने वालों को पैसे की पेशकश भी की है। हमास के आतंकियों ने करीब 200 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर रखा है। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इस्राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने सटीक जानकारी देने के लिए पैसे की पेशकश की, जिससे की बंधक बनाए गए नागरिकों को बचाया जा सके। हालांकि, आईडीएफ ने जानकारी देने वालों की सुरक्षा और गोपनीयता का भी वादा किया है।

आईडीएफ ने कहा, ‘अगर आप शांति से रहना और अपने बच्चों का बेहतर भविष्य चाहते हैं तो तुरंत मानवीय कार्य करें और हमें बंधकों को छिपाने वाले स्थानों के बारे में जानकारी दें। इस्राइली सेना आपको आश्वासन देती है कि हम आपको और आपके घर को सुरक्षा प्रदान करने की अधिकतम कोशिश करेंगे। इसके लिए आपको इनाम के तौर पर पैसे दिए जाएंगे। हम आपको गारंटी देते हैं कि यह सब गोपनीय तरीके से होगा।’  उन्होंने जानकारी देने वालों के लिए आईडीएफ ने 8619 व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल: +972503957992 नंबर जारी किया है।

सात अक्तूबर को इस्राइल पर हमले के बाद हमास के आतंकियों ने 200 से ज्यादा इस्राइली नागरिकों को बंधक बना लिया था। इस हमले में करीबन 1400 इस्राइली नागरिक और गाजीा पट्टी में 5800 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है। सोमवार को हमास ने 79 वर्षीय नुरिट कुपर और 85 वर्षीय योशेवेद लिफ्शित्ज और उनके पतियों को रिहा किया था। इससे पहले शुक्रवार को भी हमास के आतंकियों ने दो अमेरिकी नागरिकों को भी रिहा कर चुका है। 

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