वायु प्रदूषण: दिल्ली में जहरीली हवा का कहर जारी,पढिये पूरी ख़बर

दिल्ली में वायु गुणवत्ता गुरुवार सुबह ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई, दिवाली से ठीक पहले इसमें मामूली सुधार की उम्मीद है क्योंकि मौसम संबंधी स्थितियां थोड़ी अनुकूल होने की संभावना है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दो सप्ताह से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी में व्याप्त वायु प्रदूषण की समस्या पर चर्चा के लिए सभी मंत्रियों के साथ एक बैठक बुलाई है। अधिकारियों ने बताया कि बैठक दिल्ली सचिवालय में दोपहर 12:30 बजे होगी। सीपीसीबी के मुताबिक, गुरुवार को कई इलाकों का एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया है। आरके पुरम का एक्यूआई 453, पंजाबी बाग का 444, आईटीओ का 441 और आनंद विहार का 432 दर्ज किया गया है। 

दिल्ली में वायु गुणवत्ता गुरुवार सुबह ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई, दिवाली से ठीक पहले इसमें मामूली सुधार की उम्मीद है क्योंकि मौसम संबंधी स्थितियां थोड़ी अनुकूल होने की संभावना है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गुरुवार सुबह आठ बजे 420 था, जबकि बुधवार शाम चार बजे यह 426 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तैयार किए गए एक्यूआई मानचित्र में भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में फैले लाल बिंदुओं के समूह (खतरनाक वायु गुणवत्ता का संकेत) दिखाया गया है। गाजियाबाद (369), गुरुग्राम (396), नोएडा (394), ग्रेटर नोएडा (450), और फरीदाबाद (413) में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है।

प्रदूषण के गंभीर हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों में दिसंबर में पड़ने वाला शीतकालीन अवकाश नवंबर में ही घोषित कर दिया है। सभी स्कूलों को 9 से 18 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। साथ ही, दूसरे राज्यों में पंजीकृत एप आधारित टैक्सियों के दिल्ली में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, 13 से 20 नवंबर के बीच घोषित सम-विषम योजना को भी अभी टाल दिया गया है। 

मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर के प्रमुख शहरों में अभी हवा जहरीली ही बनी रहेगी।  प्रतिकूल हालात से जल्द राहत मिलने वाली नहीं है। पंजाब व पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर भी रोक नहीं लग पा रही है। 

कृत्रिम बारिश की तैयारी
गोपाल राय ने कहा, प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कृत्रिम बारिश का सहारा भी लिया जाएगा। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने उनके साथ बैठक में बताया है कि वायुमंडल में बादल या नमी रहने पर ही कृत्रिम बारिश संभव है। विशेषज्ञों का अनुमान है, ऐसी स्थिति 20-21 नवंबर के आसपास बन सकती है। वैज्ञानिकों का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Time limit exceeded. Please complete the captcha once again.