टीला माईथान में 26 जनवरी को धर्मशाला के बेसमेंट की खोदाई चल रही थी। खोदाई के दौरान कई मकान गिरे और एक बालिका की मौत हो गई। यहां कई भवन जर्जर हैं और गिरासू हालत में हैं।
आगरा में टीला माईथान में धर्मशाला की जमीन पर बेसमेंट खोदाई के दौरान दुर्घटना में बालिका की मौत के चौथे दिन प्रशासन ने सेना से मदद मांगी है। सैन्य अधिकारी टीम के साथ मौके का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे।
खतरे को देखते हुए बस्ती के 35 घर प्रशासन ने पहले ही खाली कराए हैं। 40 से 50 फीट की ऊंचाई पर स्थित बस्ती के आठ मकान गिराने के लिए प्रशासन ने चिन्हित किए हैं। ऊंचाई के चलते मकानों को गिराने में मुश्किल हो रही है। अब सेना से मदद से जर्जर भवन गिराने का कार्य होगा। सेना के साथ एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची।
एडीए के इंजीनियरों की लापरवाही से भवन गिरे
सिटी स्टेशन रोड स्थित टीला माईथान में एडीए के इंजीनियरों की लापरवाही से भवन गिरे हैं। इंजीनियरों ने ठीक से मानीटरिंग नहीं की और न ही प्रवर्तन अनुभाग से कार्रवाई की गई। शनिवार को डीएम नवनीत सिंह चहल ने जर्जर भवनों के गिरने की रिपोर्ट शासन को भेज दी। उन्होंने नगर निगम प्रशासन को जर्जर भवनों को चिन्हित करने के लिए कहा है। टीला माईथान में 26 जनवरी को धर्मशाला के बेसमेंट की खोदाई चल रही थी। खोदाई के दौरान कई मकान गिरे और एक बालिका की मौत हो गई।
कार्यों की मानीटरिंग नहीं की
डीएम नवनीत सिंह चहल ने पूरे मामले की जांच की। उन्होंने बताया कि एडीए के प्रवर्तन अनुभाग के अधिशासी अभियंता अनुराग चौधरी ने ठीक से कार्यों की मानीटरिंग नहीं की। अपने क्षेत्र में हर दिन निरीक्षण नहीं किया। खोदाई के दौरान जिन नियमों का पालन किया जाना चाहिए। वह भी नहीं की गया। धर्मशाला के ठीक बगल में जर्जर मकान हैं। ऐसे में संरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाने चाहिए थे।
एडीए के इंजीनियरों को भी इसे देखना चाहिए थे। समय रहते कार्रवाई होनी चाहिए थी। इसके बाद भी मानीटरिंग में लापरवाही बरती गई। मामले में ट्रस्टी राजू मेहरा, बिल्डर हरेश शर्मा और ठेकेदार राघवेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
अवैध निर्माणों की मांगी रिपोर्ट
डीएम ने बताया कि एडीए उपाध्यक्ष से अवैध निर्माणों की रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही हर दिन अवर अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता भ्रमण कर रहे हैं या नहीं। इसकी भी जांच करने के लिए कहा गया है।
पीड़ितों की हर तरीके से मदद
डीएम ने बताया कि पीड़ितों की हर तरीके से मदद की जा रही है। डूडा द्वारा पहले चरण में छह लोगों को मकान आवंटित किया जा रहा है जबकि निश्शुल्क में इलाज कराया जा रहा है।