- योगी को अनुपयोगी कहने की हो रही चौतरफा आलोचना
- लोगों ने कहा माफियाओं के सरपरस्त, आतंकियों के पैरोकार के मुंह से यह बात अच्छी नहीं लगती
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। साथ ही सियासी जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है। जिसके चलते ही विपक्षी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री के बयानों पर विपक्षी नेता तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। कुछ तो तय हार के डर से भाषा की मर्यादा भी भूल गए हैं। बौखलाहट में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जैसे लोग अपने ही बयानों से हिट विकेट भी हो जा रहे हैं।
उन्होंने एक हफ्ते में दूसरी बार ऐसा बयान दिया जो खुद के गोलपोस्ट में गोल करने जैसा रहा। इसी क्रम में तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूपी + योगी बहुत है उपयोगी के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी के सीएम योगी नहीं अनुपयोगी हैं। अखिलेश यादव के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। गांवों की पंचायतों में अखिलेश यादव के इस बयान की निंदा की जा रही है। कहा जा रहा है कि योगी सरकार के माफियाओं और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के चलते सपा नेता बौखला गए हैं। इसी वजह से अखिलेश यादव ने बिना सोचे समझे बयान दे रहे हैं, ताकि उनकी सरकार के कारनामों पर चर्चा ना हो।
वास्तव में प्रदेश सरकार द्वारा बीते पौने पांच वर्षों में योगी सरकार ने जिस तरह से उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य के तमंगे से बाहर से निकाला है और यूपी को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया है। जिसके चलते अब ईज आफ डूइंग विजनेस के मामले में यूपी वर्ष 2017 के बाद 12 रैंक की छलांग लगाते हुए दूसरे स्थान पर आ गया है, राज्य में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बन गया है और एशिया का सबसे बड़ा गंगा एक्सप्रेसवे बनाए जाने संबंधी कार्य शुरू हो गया है। बड़े बड़े माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई है। गांवों के विकास पर ध्यान दिया गया है और पंचायतों को मजबूत करने के लिए प्रधानों को मानदेय देना का फैसला किया है। राज्य में तेजी से हुए ढ़ांचागत विकास के चलते देश तथा विदेश के बड़े निवेशकों के साढ़े चार लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्रदेश में कर रहें हैं। जबकि अखिलेश सरकार के शासन में बड़े निवेशक यूपी में निवेश करने को तैयार नहीं थे क्योंकि तब राज्य की क़ानून व्यवस्था खराब थी और निवेशकों से पैसे मांगे जाते थे। तब अफसरों की तैनाती में धन वसूली होती थी। भ्रष्टाचार का बोलबाला था और जनता के कार्य करने के लिए भी पैसे लिए जाते थे। मायावती सरकार में भी भ्रष्टाचार का बोलबाला था। मायवाती और अखिलेश यादव के शासन की ऐसी यादें अभी भी लोगों के जहन में हैं।
ऐसे में जब अखिलेश यादव ने यह कहा कि यूपी के सीएम योगी नहीं अनुपयोगी हैं तो ग्रामीण इलाकों में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई। ग्रामीणों का कहना है कि अखिलेश यादव अब बीजेपी के हर बड़े नेता के बयान की खिल्ली उड़ाते हैं, भद्दा कमेंट करते हैं और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। ऐसा करते हुए वह अपनी जगहँसाई ही करा रहे हैं। अखिलेश यादव के प्रति ऐसी सोच रखने वाले ग्रामीणों का कहना है कि गुंडागर्दी के खिलाफ कार्रवाई करने वाले, बड़े माफिया को जेल भेज उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करने तथा भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कारवाई करने वाले योगी आदित्यनाथ यूपी के लिए उपयोगी हैं। जबकि यादव सिंह जैसे भ्रष्टचारी और मुख्तार अंसारी तथा अतीक जैसों के हितों का ख्याल रखते वाले अखिलेश यादव यूपी के लिए अनुपयोगी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शायद इसी लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी (अखिलेश यादव) का नाम लिए हुए यह कहा था कि लाल टोपी वालों से सावधान रहना है, क्योंकि लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए। लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए। और इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कथन की चर्चा करते हुए गांवों में ग्रामीण यह भी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश सरकार के कुशासन का जिक्र करते हुए कहा था कि आज के युग का जो सबसे बड़ा अंधविश्वास है, वह समाजवाद है और इसके कई बहुरुपिया ब्रांड हैं। अखिलेश का समाजवाद परिवारवादी समाजवाद, माफिया वादी समाजवाद, अराजकतावादी समाजवाद, दंगा वादी समाजवाद, आतंकवादी समाजवाद है। प्रदेश की जनता भी इस चीज को मानने लग गई है कि समाजवाद एक रेड अलर्ट है और इस रेड अलर्ट से अब मुक्ति मिलनी ही चाहिए। देश को न साम्यवाद चाहिए, न समाजवाद चाहिए। इस देश और प्रदेश को केवल राम राज्य चाहिए। राम राज्य का मतलब जो सार्वकालिक है, सार्वदेशिक है और सार्वभौमिक है और काल परिस्थिति से प्रभावित शाश्वत है, वही राम राज्य है। इसलिए यूपी को जंगलराज बनाने वाले अखिलेश यादव प्रदेश के लिए अनुपयोगी है। और यूपी को विकास के रास्ते पर ले जाने वाले तथा गरीबों को राशन देने तथा उनकी बेटियों की शादी करवाने वाले योगी आदित्यनाथ यूपी के लिए उपयोगी हैं।