दिल्ली यूनिवर्सिटी : अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स में एडमिशन के लिए आयोजित करेगा एक सामान्य प्रवेश परीक्षा

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) 2022 से शुरू होने वाले अपने विभिन्न अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स में एडमिशन के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। डीयू एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) को दो असहमति के साथ मंजूरी दे दी। 10 दिसंबर को यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल (एसी) ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराने को मंजूरी दी थी। इस संबंध में दिल्ली विश्वविद्यालय के एसी डीयू कुलपति द्वारा गठित नौ सदस्यीय डीयू समिति की सिफारिश को माना गया, जिसने एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का सुझाव दिया था।

एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में लगी अंतिम मुहर

17 दिसंबर की शाम दिल्ली विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की एक अहम बैठक बुलाई गई। इसमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को मंजूरी दे दी गई। अगले सत्र से दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने वाले छात्रों को कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट और 12वीं में प्राप्त किए गए अंकों को 50-50 फीसदी वेटेज दिया जाएगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय चाहता है कि आगामी सत्र से देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन ‘सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट’ (CUCET) के जरिए किए जाए। इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। देश भर के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश दिए गए हैं।

न 6 पॉइंट्स से जानिए पूरी प्रोसेस

1- कट-ऑफ आधारित या योग्यता-आधारित एडमिशन के बजाय, दिल्ली विश्वविद्यालय स्वीकृत सीटों से अधिक प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए 2022 से एक सामान्य प्रवेश परीक्षा स्कोर आधारित प्रवेश का विकल्प चुनेगा।

2- दिल्ली विश्वविद्यालय ऐसे प्रोग्राम्स में एडमिशन को बढ़ावा देगा जिनमें आवेदकों की संख्या कम होगी।

3- डीयू सभी यूजी प्रोग्राम्स में एडमिशन बोर्ड के मुताबिक देगा क्योंकि विश्वविद्यालय में इस साल केरल बोर्ड से बड़ी संख्या में आवेदकों ने एडमिशन के लिए अप्लाई किया है।

4- डीयू सभी कोर्स में एडमिशन, कैटेगरी के मुताबिक देगा क्योंकि इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) गैर-क्रीमी लेयर कैटेगरी के तहत केरल, राजस्थान और हरियाणा बोर्डों के औसत से अधिक एडमिशन दिए गए।

5- CUCET का आयोजन विश्वविद्यालय द्वारा आंतरिक रूप से या राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा किया जा सकता है।

6- CUCET अन्य राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं जैसे हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, तमिल, तेलुगु, उर्दू और पंजाबी जैसी कई भाषाओं में आयोजित किया जाएगा।

न्य यूनिवर्सिटी भी CUCET करने पर कर रही हैं विचार

इस साल, सिलचर में असम विश्वविद्यालय, गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय, पंजाब के केंद्रीय विश्वविद्यालय, तमिलनाडु के केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड के केंद्रीय विश्वविद्यालय और केरल के केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित 12 केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने सीयूसीईटी 2021 का आयोजन किया। अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI), भी CUCET करने पर विचार कर रहे हैं। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।