लखनऊ। सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खां को जल निगम भर्ती घोटाले में 15 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं। आचार संहिता उल्लंघन के तीन और मामलों में आजम की एमपी-एमएलए कोर्ट में गवाही भी 23 नवंबर को होनी है। जेल में बंद आजम खां की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। आजम पर सपा सरकार में जल निगम में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 क्लर्क, 32 आशुलिपिक समेत कुल 1300 पदों पर भर्तियों में घोटाले का आरोप है।
यूपी सरकार इस मामले में 122 अभियंताओं को बर्खास्त कर चुकी है। इस प्रकरण में योगी सरकार ने एसआइटी जांच कराई थी, जिसके बाद 25 अप्रैल 2018 को ने जल निगम में भर्ती घोटाले की एफआईआर दर्ज की गई थी। सपा सरकार में जल निगम आज़म जल निगम के चेयरमैन भी थे। इस घोटाले में शामिल आरोपित गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, विश्वजीत सिंह, नीरज मलिक, अजय कुमार यादव, संतोष रस्तोगी, रोमन फर्नांडीज और कुलदीप सिंह नेगी के खिलाफ समन जारी करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने सीतापुर जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आजम को पेश कराने का आदेश दिया है। इस भर्ती घोटाले में आज़म को ज्यूडिशियल कस्टडी में लेने पर 15 नवंबर को कोर्ट में उनकी पेशी होनी है।
ईडी का भी शिकंजाः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी आजम पर शिकंजा कसा है। हाल में ही सीतापुर जेल में ईडी ने आजम से कई घंटे पूछताछ की। आजम 27 फरवरी 2020 से कई मामलों में सीतापुर जेल में बंद हैं। बीच में उनकी तबीयत भी खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें बेटे अब्दुल्ला के साथ मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।