नई दिल्ली। रूस ने अपने अत्याधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई भारत को शुरू कर दी है। अगले साल की शुरुआत में ही इस डिफेंस सिस्टम की तैनाती भारत की सरहदों पर होनी शुरू हो जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्वी और उत्तरी सीमा पर दो एयर डिफेंस सिस्टम जल्द लगा दिए जाएंगे। इसके साथ ही मोदी सरकार चीन के साथ अपनी सुरक्षा स्थितियों में संतुलन स्थापित कर सकेगी। सिस्टम की खासियत है कि ये 400 किमी. की रेंज में 36 टारगेट एकसाथ तबाह कर सकता है।
रूस से इतनी जल्दी सिस्टम मिलने की वजह
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आत्मीय और करीबी संबंध S-400 डिफेंस सिस्टम जल्दी मिलने की वजह हैं। ये करीबी संबंध ही हैं, जिनकी वजह से पुतिन साल में केवल दूसरी बार अपने देश से बाहर किसी देश के लीडर से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वे केवल एक बार रूस से बाहर आए थे, तब उन्होंने 16 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी। रूस ने लॉकडाउन के बावजूद अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसेलिटीज खोली थीं, ताकि ये डिफेंस सिस्टम जल्द भारत को सौंपे जा सकें। इसके अलावा भारतीय टीमों को ट्रेनिंग भी दी गई थी।
भारत के लिए ये सिस्टम क्यों अहम
चीन ने यही S-400 डिफेंस सिस्टम गारी गर गुंसा एयरबेस पर तैनात किया है। ये इलाका लद्दाख में LAC के पास और डेमचोक एरिया के अपोजिट है। इसके अलावा अरुणाचल LAC के दूसरी तरफ चीन ने निंगची एयरबेस पर भी ये सिस्टम तैनात किया है। इसके अलावा चीन ने लद्दाख LAC पर जवानों की 3 टुकड़ियां, मिसाइल और रॉकेट रेजीमेंट तैनात की हैं। उसकी वायुसेना भी स्टैंडबाई पर है। ऐसे में भारत का इन इलाकों में एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करना जरूरी है।
भारत में कहां-कहां तैनात होंगे ये सिस्टम
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्वोत्तर में 3 और पश्चिमी सीमा पर ऐसे 2 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करने की तैयारी है। इसके लिए ही भारत ने रूस के साथ 40 हजार करोड़ की बड़ी डील साइन की है।
इस सिस्टम की खासियत क्या है?
1. S-400 की सबसे बड़ी खासियत इसका मोबाइल होना है। यानी रोड के जरिए इसे कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।
2. इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टिपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है।
3. ऑर्डर मिलने के 5 से 10 मिनट में ही ये ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाता है।
4. S-400 में 400 इस सिस्टम की रेंज को दर्शाता है। भारत को जो सिस्टम मिल रहा है, उसकी रेंज 400 किलोमीटर है।
5. ये 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को डिटेक्ट कर काउंटर अटैक कर सकता है। साथ ही यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी अपने टारगेट पर अटैक कर सकता है।