लखनऊ। अयोध्या में PNB की अधिकारी श्रद्धा गुप्ता के सुसाइड में आरोपी तीनों किरदार उसे अपने-अपने तरीके से प्रताड़ित कर रहे थे। श्रद्धा का मंगेतर विवेक IPS आशीष तिवारी का करीब 10 साल पुराना दोस्त हैं। इसलिए श्रद्धा तरफ से शादी से इनकार करने के बाद वह आशीष के नाम की धमकी देने लगा। आशीष अयोध्या एसएसपी पोस्ट से हटे तो उनके कार्यकाल में तैनात उनका खास पुलिसवाला अनिल रावत विवेक की मदद करने लगा।
पढ़ाई के दौरान ही विवेक की आशीष से हुई थी दोस्ती
श्रद्धा के परिजनों के मुताबिक विवेक ने लखनऊ के बाबू बनारसीदास यूनिवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई की है। उसके पिता उमाशंकर गुप्ता की उतरौला के गांधीनगर में ज्वेलरी शॉप है। लखनऊ में अयोध्या रोड पर उनका मकान और दयाल रेजीडेंसी में फ्लैट है। विवेक दयाल रेजीडेंसी के फ्लैट पर रहता था। पढ़ाई के दौरान ही उसकी आशीष तिवारी से दोस्ती हुई थी। आशीष IPS बन गए। विवेक को लखनऊ में ही HCL कंपनी में आईटी सेक्शन में जॉब मिल गई।
ए क्लास ऑफिसर की जॉब पर थी विवेक की निगाह
परिजनों के मुताबिक विवेक की खुद की सैलरी करीब 40 हजार रुपए महीने की थी। श्रद्धा से उसकी शादी जनवरी 2020 में तय हुई थी। इसके बाद दोनों अक्सर मिलने-जुलने लगे। इस बीच श्रद्धा को पता चला कि विवेक के कई लड़कियों से संबंध हैं। तो उसने शादी करने से इनकार कर दिया। लेकिन उसकी बैंक की ए क्लास जॉब की वजह से विवेक हर हाल में इस रिश्ते को टूटने नही देना चाहता था। यही वजह थी कि उसने श्रद्धा को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
22 महीने की तैनाती में आशीष करते रहे विवेक की मदद
श्रद्धा के बैंक जॉब की शुरुआत ही अयोध्या से हुई। इत्तेफाकन विवेक के करीबी मित्र आशीष को भी बतौर एसएसपी अयोध्या में पोस्टिंग मिल गई। वह 22 महीने तक यहां एसएसपी रहे। आशीष को विवेक की शादी तय होने से लेकर श्रद्धा के इनकार तक हर बात की जानकारी थी। परिजनों का कहना है विवेक ने शादी का दबाव डालकर श्रद्धा को प्रताड़ित करना शुरू किया। तो आशीष उसकी मदद करते रहे। आशीष की वजह से श्रद्धा शिकायत करने थाने नहीं गई।
ट्रांसफर के बाद SSP का करीबी पुलिसवाला करने लगा मदद
श्रद्धा के घरवालों का कहना है कि अयोध्या SSP कार्यालय में तैनात अनिल रावत आशीष तिवारी का खास था। अयोध्या से उनके हटने के बाद अनिल ही विवेक की मदद करने लगा। श्रद्धा जब भी थाने जाने की बात कहती थी। विवेक आशीष और अनिल को कॉल करके उसे धमकाता था। इनके खौफ से श्रद्धा अंदर ही अंदर घुट रही थी।