वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने ललिता घाट में डुबकी लगाकर गंगाजल लेकर बाबा धाम में प्रवेश किया। बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के बाद धाम का लोकार्पण किया। इसके बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया। इसके बाद वह धाम में लोगों को संबोधित किययि। उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ की। फिर भोजपुरी में सबको प्रणाम बा कहा। उन्होंने कहा कि अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूँ, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं। काशी में कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है। मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है। यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद और एक अलौकिक ऊर्जा यहां आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देती है। विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है। ये हमारी भारत की सनातन संस्कृति, आध्यात्मिक आत्मा, भारत की प्राचीनता, परंपराओं, भारत की ऊर्जा और गतिशीलता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आप बाबा के धाम आएंगे तो केवल आस्था के दर्शन नहीं करेंगे। आपको यहां अपने अतीत के गौरव का अहसास भी होगा, कि कैसे प्राचीनता और नवीनता एक साथ सजीव हो रही है। कैसे पुरातन की प्रेरणाएं भविष्य को दिशा दे रही हैं और इसके साक्षात दर्शन विश्वनाथ धाम परिसर में हम कर रहे हैं।
तीन हजार वर्ग फीट से पांच लाख वर्गफीट का हुआ मंदिर परिसर
आज भगवान शिव का प्रिय दिन सोमवार है। आज विक्रम संवत 2078 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष दशमी तिथि, एक नया इतिहास रच रही है। हमारा सौभाग्य है कि हम इस तिथि के साक्षी बन रहे हैं। पहले मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, लेकिन अब यह करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं। यानी पहले मां गंगा का दर्शन-स्नान, और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम। पीएम ने आगे कहा कि काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है। पीएम ने कहा, मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया।
वाराणसी ने युगों को जिया है, इतिहास को बनते बिगड़ते देखा है। कितने ही कालखंड आये, कितनी ही सल्तनतें उठी और मिट्टी में मिल गई। फिर भी बनारस बना हुआ है। बनारस अपना रस बिखेर रहा है। कहा कि काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है। काशी वो है, जहां जागृति ही जीवन है, मृत्यु भी मंगल है, सत्य ही संस्कार है और जहां प्रेम ही परंपरा है।
मां गंगा को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणाम किया
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को विश्वनाथ कॉरिडोर धाम (Kashi Vishwanath corridor) का लोकापर्ण करने वाराणसी (Varanasi) पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने मौजूद लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इसके बाद पीएम ने गेरुआ वस्त्र धारण कर गंगा नदी में डुबकी लगाई। गंगा की लहरों के बीच पीएम मोदी लंबे समय तक रहे। उन्होंने स्नान करने के बाद पूजन और ध्यान किया। पीएम मोदी ने मां गंगा की गोद में उतरकर पूजा भी की। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। खिड़किया घाट पर भ्रमण करने के बाद पीएम मोदी और सीएम योगी रो-रो बोट से ललिता घाट पहुंचे। गंगा नदी के दोनों किनारों पर लोगों की जबरदस्त भीड़ थी। पीएम मोदी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। ललिता घाट पर मौजूद लोगों ने कहा कि अब काशी की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। आज काशी बम-बम बोल रहा है। लोगों ने कहा कि काशी की स्वच्छता में बड़ा बदलाव आया है। लोगों का कहना है कि वे बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने और पीएम मोदी की झलक पाने के लिए यहां आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काल भैरव मंदिर से खिड़किया घाट पहुंचे । यहां पर उनके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। खिड़किया घाट को हाल ही में मनोरम घाट के रूप में विकसित किया गया है। यहां पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने गंगा तट का जायजा लिया और पूरे तट का भ्रमण किया।