आईए जानें चैत्र पूर्णिमा का महत्व व पूजा करनें का शुभ मुहूर्त…

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन को नवसंवत्सर की प्रथम पूर्णिमा पड़ती है। इस दिन को चैत्र पूर्णिमा या चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा का प्रारंभ आज 05 अप्रैल को हो चुका है और इसका समापन अगले दिन 06 अप्रैल को हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखा जा रहा है और अगले दिन हनुमान जन्मोत्सव पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।

पंचांग में बताया गया है कि चैत्र पूर्णिमा का चंद्रोदय अत्यंत शुभ योग में होगा। बता दें कि आज तीन अत्यंत शुभ योग के निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि इस अवधि में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा पर बन रहे शुभ मुहूर्त की अवधि, पूजा समय और विधि।

चैत्र पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 05 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 19 मिनट पर होगा और इसका समापन 06 अप्रैल को सुबह 10 बहकर 04 मिनट पर हो जाएगा। इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 06 बजकर 01 मिनट है और इसी समय चंद्र देव की पूजा भी की जाएगी।

चैत्र पूर्णिमा शुभ योग

पंचांग में बताया गया है कि चैत्र पूर्णिमा या चैती पूनम के दिन अत्यंत शुभ योग- ध्रुव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। पूर्णिमा के दिन ध्रुव योग के निर्माण को बहुत शुभ और दुर्लभ माना जाता है। इस अवधि में देवी-देवताओं की उपासना और किसी शुभ कार्य को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ आज पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा और माना जाता है कि इस शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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