नाबालिग़ लड़की के विशेष अंग को छूना भी यौन अपराध की श्रेणी में

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2017 के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि यौन उत्पीडन की शिकार लड़की के स्तन भले ही विकसित न हुए हों पर उन्हें गलत इरादे से छूना यौन अपराध की ही श्रेणी में आयेगा | हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें यह साबित होना चाहिए कि ऐसा करने वाला व्यक्ति सेक्स के इरादे से ही पीड़िता के विशेष अंग को छुआ था | सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील देते हुए कहा कि आरोपी द्वारा पीड़ित लड़की के स्तन को छूने का प्रश्न ही नहीं उठता क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट में साफ़ तौर पर लिखा है कि पीड़ित लड़की के स्तन विकसित नहीं हुए थे | इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश विवेक चौधरी ने असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़ित लड़की के स्तन विकसित हुए हों या नहीं | लड़की के उस विशेष स्थान को स्तन ही कहा जायेगा | भले ही मेडिकल रिपोर्ट में उसके स्तन विकसित  हुए हों या नहीं | न्यायाधीश विवेक चौधरी ने पाक्सो एक्ट की धारा -7 की व्याख्या करते हुए कहा कि किसी बच्चे के लिंग, योनि, गुदा या स्तन को छूना या बच्चे को सेक्स के इरादे से छूना यौन उत्पीड़न के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है | दरअसल, 2017 में एक 13 वर्ष की लड़की की माँ ने थाने में शिकायत दर्ज कराइ थी | जिसमे कहा गया था कि लड़की जब घर में अकेली थी तब आरोपित उसके घर में आकर लड़की के शरीर के विभिन्न हिस्सों को छुआ और उसे “क़िस” किया यानि चूमा | इस पर निचली अदालत ने आरोपित को दोषी ठहराया था | जिसे आरोपित द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी | जिस पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपित को पाक्सो एक्ट की धारा -7 के तहत दोषी मानते हुए कहा कि एक वयस्क आदमी जो पीड़ित लड़की से किसी तरह सम्बन्धित नहीं है | उसके घर में बिना अभिभावक की मौजूदगी में उसे चूमने के लिए क्यों जायेगा |     

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