यौन हिंसा, महिला की पवित्रता के अधिकार का उलंघन  

केकेपी न्यूज़ ब्यूरो: दुष्कर्म के एक मामले में छत्तीसगढ़ की विशेष अदालत ने फैसला सुनते हुए गम्भीर टिप्पणी की है |विशेष अदालत ने कहा है कि किसी महिला का यौन शोषण अमानवीय कार्य होने के अलावा महिला की गोपनीयता और उसकी पवित्रता के अधिकार का ऐसा उलंघन है जो उसके सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करता है | यौन हिंसा उसके सम्मान पर गम्भीर प्रहार के साथ ही साथ उसके आत्म विश्वास व उसकी प्रतिष्ठा के प्रति अपराध होकर उसे सदैव अपमानित करता है | विशेष अदालत ने कहा कि किसी अवयस्क लड़की को शादी का झांसा देते हुए उसका शारीरिक शोषण करना किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता |वर्तमान समय में इस तरह के अपराधों में हो रही अत्यधिक वृद्धि से इन अपराधों व अपराधियों पर नरम व मानवता वादी दृष्टिकोण अपनाया जाना उचित नहीं है |

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