शास्त्रों में माग माह में सन्दर्भ में कुछ विशेष नियमों के पालन करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है..

सनातन धर्म में माघ महीने को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मास भगवान श्री कृष्ण की उपसना के लिए समर्पित है। शास्त्रों में बताया गया है कि माघ मास में स्नान-दान करने से भक्तों को बहुत लाभ मिलता है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। वर्ष 2023 में माघ मास का प्रारंभ 07 जनवरी 2023 से होगा और इसका समापन 05 फरवरी 2023 के दिन होगा। शास्त्रों में इस मास के सन्दर्भ कुछ नियम भी बताए गए हैं जिनका पालन करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं। बता दें कि इस मास में खान-पान और दिनचर्या का विशेष ध्यान रखना अति आवश्यक है। मान्यता है कि जो व्यक्ति शास्त्रों में बताए गए इन नियमों का पालन करता है उसे धन, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं माघ मास में किन नियमों का पालन करने से मिलता है श्री हरि का आशीर्वाद।

माघ मास के नियम

  • शास्त्रों में बताया गया है कि माघ मास में नितदिन पूजा-पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसलिए इस मास में भगवान श्री कृष्ण की उपासना अवश्य करें और उन्हें पीले रंग का पुष्प और पंचामृत अवश्य अर्पित करें। मान्यता यह भी है कि इस मास में सत्यनारायण भगवान की उपासना करने से और कथा का पाठ करने से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • माघ मास में दान का भी विशेष महत्व है। इसलिए इस महीने में किसी जरूरतमंद को अन्न या धन का दान अवश्य करें। माना जाता है कि दान-धर्म करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है।
  • माघ मास के अंतिम दिनों में ठंड का मौसम भी अपने अंत की ओर बढ़ने लगता है। साथ ही सूर्य का तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है। इसलिए इस मास में खान-पान का विशेष ध्यान रखें। शास्त्रों में बताया गया है कि माघ मास में मीठे का सेवन सीमित या बहुत काम करना चाहिए। साथ ही जो लोग इस अवधि में गर्म पानी से स्नान करते हैं, उन्हें भी समय के साथ-साथ गर्म पानी से स्नान कम कर देना चाहिए। ऐसा करने से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और व्यक्ति को आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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