सरकारी विभागों के खिलाफ शिकायतों का जल्दी हो समाधान: केंद्र

सरकारी विभागों में लेटलतीफी और शिकायतों को लंबे समय तक डिब्बे में डालकर रखने की परंपरा अब बीते जमाने की बात हो गई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि केंद्रीय पोर्टल पर दर्ज जन शिकायतों को अब 30 दिनों के भीतर निपटाना होगा. पिछले साल जून में इसकी समयसीमा 60 दिन से घटाकर 45 दिन की गई थी, और अब इसे एक महीना कर दिया गया है. इसके अलावा सरकार ने आदेश दिया है कि किसी भी जन शिकायत को तभी क्लोज किया जाएगा, जब शिकायतकर्ता उसके खिलाफ अपील न करे.

केंद्र ने सरकारी विभागों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए केंद्रीयकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) बना रखी है. यह एक ऑनलाइन पोर्टल है, जिसे नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने डेवलप किया है. CPGRAMS पोर्टल पर सरकार को हर साल 30 लाख से अधिक सार्वजनिक शिकायतें मिलती हैं. इस साल अब तक 11 लाख शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं. यहां मिलने वाली शिकायतों पर कार्यवाही को लेकर सरकार ने 27 जुलाई को नया आदेश निकाला है. News18 के मुताबिक, इस आदेश में कहा गया है, “CPGRAMS पर प्राप्त शिकायतों को जल्द से जल्द हल किया जाएगा, लेकिन इसकी अधिकतम सीमा 30 दिनों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.” अर्जेंट शिकायतों के बारे में सरकार ने कहा है कि अधिकारियों को इनका समाधान प्राथमिकता के आधार पर करना होगा

शिकायत तभी क्लोज जब अपील न हो
केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी शिकायत को तभी बंद माना जाएगा, जब उस पर हुई कार्यवाही के खिलाफ अपील दायर नहीं होगी. अगर शिकायतकर्ता अपील करता है तो उस अपील के निपटारे के बाद ही शिकायत को क्लोज माना जाएगा. आदेश के मुताबिक, यदि शिकायत बंद होने के बावजूद कोई संतुष्ट नहीं है तो उसके पास अपना फीडबैक (प्रतिक्रिया) देने और अपील प्रस्तुत करने का विकल्प होता है. शिकायत पर लोगों की प्रतिक्रिया हासिल करने के लिए एक कॉल सेंटर शुरू किया गया है. यहां से सभी शिकायतकर्ताओं को फोन करके फीडबैक लिया जाता है. जो लोग संतुष्ट न हों, उन्हें अपील करने का विकल्प दिया जाता है.

नोडल GRO नियुक्त करेंगे विभाग
27 जुलाई के आदेश में कहा गया है कि नागरिकों से कॉल सेंटर को मिले फीडबैक को मंत्रालयों और विभागों के साथ साझा किया जाएगा जो उसके आधार पर समस्याओं के सुधार का अंदरूनी सिस्टम बनाएंगे. प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उठाई जाने वाली शिकायतों पर भी मंत्रालय और विभाग नजर रखेंगे. आदेश में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय और विभाग शिकायतों की प्रवृत्ति का नियमित रूप से विश्लेषण करते रहें और पता लगाएं कि मूल समस्या कहां है. उसके आधार पर समाधान का प्रयास करें. आदेश में मंत्रालय या विभागों को नोडल शिकायत समाधान अधिकारी (जीआरओ) की नियुक्ति का भी निर्देश दिया गया है. इनके ऊपर नोडल अपीलीय प्राधिकरण होगा, जिसमें नोडल जीआरओ से ऊपर के किसी वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किया जाएगा.

सबसे ज्यादा शिकायतें इस विभाग में
आंकड़े बताते हैं कि सरकार को सबसे ज्यादा शिकायतें वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग डिवीजन), श्रम मंत्रालय, सीबीडीटी, रेल मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय के खिलाफ मिलती हैं. News18 की पिछली रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा करीब 20,000 शिकायतें नवगठित सहकारिता मंत्रालय के खिलाफ पेंडिंग हैं. इसमें 16 हजार शिकायतें ऐसी हैं जो 45 दिन से ज्यादा समय से लंबित हैं. 26 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक, इसके बाद सबसे अधिक 13,311 शिकायतें स्वास्थ्य मंत्रालय में विचाराधीन हैं. शिकायतों के निपटारे के उच्चतम औसत समय की बात करें तो कानूनी मामलों के विभाग में 228 दिन, सहकारिता मंत्रालय में 183 दिन और स्वास्थ्य मंत्रालय में 100 दिनों से अधिक समय लगता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published.