अरविंद केजरीवाल के घर पर अहम बैठक , जानिए BJP के खिलाफ क्या तय होगी रणनीति

दिल्ली की नई शराब नीति 2021 को लेकर भारतीय जनता पार्टी और AAP नेताओं के बीच जारी जुबानी जंग के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल )के घर पर अहम बैठक जारी है।

नई शराब नीति 2021 और सीबीआइ छापे को लेकर  भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच जारी जुबानी जंग के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर बृहस्पतिवार को एक अहम बैठक हो रही है। सुबह 11 बजे से जारी विधायक दल की बैठक में सभी को शामिल होने के लिए कहा गया था। सूत्रों के अनुसार, अब तक 50 से अधिक विधायक पहुंच चुके हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली से बाहर, जबकि आठ विधायक ने बैठक में शामिल होने को लेकर असमर्थता जताई थी। इसके अलावा एक विधायक सत्येंद्र जैन जेल में हैं। बता दें कि 70 विधानसभा वाली दिल्ली विधानसभा में AAP के कुल 70 विधायक हैं।

बताया जा रहा है कि इस बैठक में आम आदमी पार्टी तोड़ने की भाजपा की साजिश के मद्देनजर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। संभवतया बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल पत्रकार वार्ता भी करें। 

देश की राजधानी दिल्ली की नई शराब नीति को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा मनीष सिसोदिया समेत दर्जनभर अधिकारियों के ठिकानों पर छापे के बाद राजनीतिक गरमाई हुई है।

दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार हमलावर हैं। एक ओर जहां भाजपा दिल्ली में नई शराब नीति में घोटाले का मुद्दा उठा रही है, तो दूसरी ओर AAP नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार बिना वजह से दिल्ली के मंत्रियों को परेशान कर रही है।

बता दें कि मंगलवार को भी दिल्ली की नई शराब नीति को लेकर भाजपा और AAP नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी रही। मंगलवार को दोपहर होते-होते दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआइ छापे के बाद से गरमाई राजनीति के बीच आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर केजरीवाल सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगा दिया।

वहीं, भाजपा ने भी पलटवार करने में देर नहीं की। भाजपा ने लगातार चौथे दिन मंगलवार को इसी मुद्दे पर प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछा कि वे आबकारी नीति पर बोलने से क्यों भाग रहे हैं।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को ताक पर रखकर दिल्ली सरकार ने मनमाने तरीके से उन लोगों को शराब का ठेका बांटा, जिसने ‘मोटा माल’ दिया। उन्होंने चुनौती दी कि शिक्षा-स्वास्थ्य पर भटकाने के बजाय इस मुद्दे पर जवाब दें।

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