इन देशो के बीच बीआरआइ के तहत इन सूत्री समझौते पर हुआ हस्ताक्षर

नेपाल और चीन के बीच बीआरआइ को लेकर पहला समझौता 2017 में हुआ था लेकिन पिछले पांच वर्षों में इस दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है। प्रेट्र के अनुसार ली झांशु ने मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और अन्य वरिष्ठ नेताओं से भेंट की।

 नेपाल और चीन ने बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) के तहत छह सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किया है। दोनों देशों के बीच सहयोग, प्रशासनिक आदान-प्रदान और निगरानी व्यस्था में बढ़ोतरी की जाएगी। नेपाली प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सपकोटा और नेशनल पीपुल्स आफ चाइना की स्थायी समिति के अध्यक्ष ली झांशु ने समझौते पर हस्ताक्षर किया। दोनों देश विधायिका और सरकारी कामकाज पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे।

बीआरआइ को लेकर पहला समझौता 2017 में हुआ

ली झांशु चार दिवसीय यात्रा पर इन दिनों नेपाल में हैं। नेपाल और चीन के बीच बीआरआइ को लेकर पहला समझौता 2017 में हुआ था, लेकिन पिछले पांच वर्षों में इस दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है। प्रेट्र के अनुसार, ली झांशु ने मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और अन्य वरिष्ठ नेताओं से भेंट की। इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और संपर्क बढ़ाने के साथ साझा हितों से जुड़े कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

बीआरआइ को लेकर चीन की सफाई

गौरतलब है कि, विश्व भर में अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के कर्ज जाल के रूप में बदनाम हो जाने से चीन के कम्युनिस्ट शासक गहरे आहत हैं। पहली बार चीन सरकार ने अपनी इस पहल के लिए बचाव का रुख अपनाया है और इसकी व्याख्या की है। पिछले दिनों कम्युनिस्ट सरकार ने कहा है, ‘यह हर किसी के एकजुट होकर प्रगित करने वाला चमकदार पथ है। यह किसी एक पक्ष का निजी मार्ग नहीं है।’आठ सितंबर को पीपुल्स डेली में चीन के शासकों के रुख को सामने रखते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया कि सह-निर्माण में खुला और समावेशी सोच, एकजुट होकर आगे बढ़ने की बुद्धिमत्ता और साझा विकास हासिल करने की जवाबदेही झलकती है। रिपोर्ट में चीन की उदारता और उसे विकासशील देशों की सहायतता करने वाले के रूप में महिमामंडित करने के लिए कई उदाहरण दिए गए हैं।

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