उत्तराखंड दसवीं बोर्ड में 90.8 फीसद अंक प्राप्त कर स्कूल और परिजनों का नाम रोशन किया अब्दुल कादिर..

मां संग सब्जी की ठेली लगाकर जीवन यापन करने वाले अब्दुल कादिर ने बता दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं। उसने उत्तराखंड दसवीं बोर्ड में 90.8 फीसद अंक प्राप्त कर स्कूल और परिजनों का नाम रोशन किया है।

मां के साथ सब्जी बेचने मे हाथ बंटाता है अब्दुल

गैंडीखाता के शहीद मनोज सिह राजकीय इंटर कॉलेज मे दसवीं के छात्र अब्दुल कादिर के पिता की दो वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई, वह सब्जी की ठेली लगाते थे। अब अब्दुल खाली समय में मां के साथ सब्जी बेचने मे हाथ बंटाता है। बेटे की मेहनत से मां खुश है, अब्दुल ने कालेज टाप किया है।

नौ साल में हाईस्कूल में 17.7 व इंटर में 10.5 प्रतिशत बढ़ा परीक्षाफल

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं में बेटियां बेशक आगे हैं। धीरे-धीरे बेटे भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आंकड़े उम्मीद दिखा रहे हैं कि प्रदेश के बोर्ड परीक्षाफल में साल दर साल सुधार हो रहा है। पिछले नौ वर्षों में इंटरमीडिएट में 15.18 प्रतिशत छात्रों ने परिणाम सुधारा है।

नौ वर्ष पहले और इस बार के परिणाम को देखें तो बालिकाओं ने कुल परीक्षाफल में 5.85 प्रतिशत का सुधार किया है। वर्ष 2014 में बारहवीं का कुल परीक्षाफल 70.4 प्रतिशत रहा था। तब 77.64 प्रतिशत छात्राएं व 63.3 प्रतिशत छात्र सफल रहे थे। 2022 में कुल परीक्षाफल 82.6 प्रतिशत रहा है। जो इस बार 80.98 प्रतिशत रहा।

गत वर्ष के लिहाज से 2023 में परीक्षाफल करीब दो प्रतिशत कम हुआ। ओवरआल नौ सालों की बात करें तो 10.58 प्रतिशत परीक्षाफल में सुधार हुआ है। वहीं हाईस्कूल में नौ साल में 17.77 प्रतिशत रिजल्ट सुधरा है।

2014 में उत्तीर्ण प्रतिशत 67.4 था जो 2023 में बढ़कर 85.17 प्रतिशत पहुंच गया। छात्राओं का प्रतिशत 73.7 से बढ़कर 88.94 तथा बालकों का 61.5 से बढ़कर 81.4 प्रतिशत हुआ है। नौ साल में ओवरआल परीक्षा फल में बालिकाओं का प्रतिशत 15.2 व बालकों का 19.98 प्रतिशत का सुधार देखने को मिला है।

प्रथम श्रेणी, सम्मान सहित पास होने वाले बढ़े

इंटरमीडिएट में पहली श्रेणी के अलावा सम्मान सहित पहली श्रेणी में पास होने वालों की संख्या बढ़ रही है। 2014 में एक प्रतिशत विद्यार्थी सम्मान सहित पास हुए थे। 2023 में यह आंकड़ा 7.26 प्रतिशत पहुंच गया। पहली श्रेणी पाने वाले 2014 में 13.23 प्रतिशत थे। इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 37.79 पहुंच गई। इस वर्ष हाईस्कूल में 8.84 प्रतिशत सम्मान सहित व 35.31 प्रतिशत परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं।

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