उत्तराखंड: हल्द्वानी में धड़ल्ले से बिक रहे एक्सपायरी डेट के खाद्य पदार्थ

हल्द्वानी में तहसीलदार के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापा मारा। इस दौरान नामी रेस्टोरेंट, प्रतिष्ठित दुकानों से एक्सपायरी डेट का सामान बिकता पाया गया।

नैनीताल जिले में मुनाफाखोर आपकी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। खाद्य पदार्थ ही नहीं, दवाइयां भी एक्सपायरी डेट की बेची जा रही हैं। बुधवार को प्रशासनिक टीम की छापामारी में इस तरह के कई मामले पकड़ में आए। अब से पहले भी दूध से लेकर कई खाद्य पदार्थ के सैंपल जांच में अधोमानक आ चुके हैं। कमिश्नर दीपक रावत के छापे के दौरान भी रेलवे बाजार फर्नीचर वाली गली से पकड़ी गई पॉलिथीन में कई विदेशी ब्रांड का पैकिंग मैटेरियल पकड़ा जा चुका है। इसके बाद भी प्रशासन की कार्रवाई नकाफी ही है।

बुधवार को तहसीलदार के नेतृत्व में जब खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापा मारा तो नामी रेस्टोरेंट, प्रतिष्ठित दुकानों से एक्सपायरी डेट का सामान बिकता पाया गया। हद तो यह है कि यहां जले हुए तेल में ही खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे थे। रेस्टोरेंट में गंदगी भी मिली है।

तहसीलदार सचिन कुमार के नेतृत्व में रेस्टोरेंट और दुकानों पर छापे मारे गए। छापे में बिकानेरवाला, मद्रासी डोसा, जायसवाल स्वीट आदि जगह गंदगी मिली। इस पर इन्हें नोटिस दिया गया। इनमें से कई दुकान में एक्सपायरी डेट का सामान भी मिला। इसके बाद टीम ने हल्द्वानी की प्रतिष्ठित परचून की दुकानों पर छापे मारे। छापे में बेसन, मसाले, सेवईं, कोल्डडि्रंक और एनर्जी डि्रंक एक्सपायरी डेट के मिले।

वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय कुमार सिंह ने बताया कि इन विक्रेताओं के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।

खुलेआम बिक रहा खुला मसाला
हल्द्वानी में खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार, खुला खाद्य तेल और खुले पिसे मसाले बेचना प्रतिबंधित है, जबकि हल्द्वानी में खुला खाद्य तेल बेचा रहा है। बुधवार को छापे के दौरान कई जगह खुले मसाले बेचने के मामले सामने आए।

दो मेडिकल स्टोर में छापा, एक्सपायरी दवा निकली
हल्द्वानी में दवा खरीदने से पहले रैपर देखकर आंख बंदकर विश्वास न करें। ऐसे में धोखा हो सकता है। कारण साफ है कि हल्द्वानी में एक्सपायरी डेट की दवा बिक रही है। लिहाजा ऐसी दवा अपने पशुओं को खिलाने से कोई फायदा नहीं होगा। इससे नुकसान ही होगा। सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने पशुचिकित्साधिकारी के साथ मिलकर दो मेडिकल स्टोर में छापा मारा। छापे के दौरान वेट अस्पताल कुसुमखेड़ा का निरीक्षण किया। यहां भारी मात्रा में जानवरों की एक्सपायरी डेट की दवाएं मिलीं। इन्हें नष्ट किया गया। इसके बाद हिमालयन रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण किया तो यहां भी एक्सपायर डेट की बरामद हुई।

टीम ने खुलवाई दुकान, घरेलू सिलिंडर मिले हल्द्वानी। तहसीलदार ने पूर्ति विभाग के साथ बुधवार को सिंधी चौराहे के पास जायसवाल स्वीट्स की तीन दुकानों पर छापा मारा। इस बीच दुकानदार दुकान बंद कर भाग गया। टीम ने दुकान खुलवाई तो यहां से आठ घरेलू सिलिंडर मिले। पूर्ति विभाग ने इन्हें जब्त कर लिया। तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि पूर्व में भी यहां से घरेलू सिलिंडर जब्त किए गए थे।

एक्सपायर हो चुके सामान में होते हैं खतरनाक बैक्टीरिया
विशेषज्ञों के अनुसार, एक्सपायर्ड खाना खाने से कई समस्याएं हो सकती हैं। एक्सपायर हो चुके भोजन में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनमें प्रिजर्वेटिव होते हैं, इसलिए इनका उपयोग एक्सपायरी डेट के बाद नहीं किया जाना चाहिए।

एक्सपायर्ड फूड खाने से यह है नुकसान
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल बताते हैं कि एक्सपायर हो चुके खाद्य पदार्थ या इस्तेमाल की बेस्ट डेट बीतने के बाद किसी चीज को खाने से आपका शरीर हानिकारक बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकता है। इससे उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत हो सकती है। कई बार फूड पॉयजनिंग भी हो जाती है। बेस्ट बिफोर डेट या एक्सपायरी डेट बीतने के कुछ दिन बाद तक खाने-पीने की चीजों का सेवन करते हैं तो ज्यादातर बार आपको कुछ नहीं होगा। आम तौर पर खाद्य पदार्थों पर तीन तरह की तारीख सूचीबद्ध होती हैं। इनमें बेस्ट इफ यूज्ड बाय डेट, द सेल बाय डेट और यूज बाय डेट शामिल होती हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी से संकेत मिलता है कि सबसे बेहतरीन स्वाद और ताज़ा उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए उत्पाद को इस विशेष तिथि तक बेचा या उपभोग किया जाना चाहिए।

सजा और जुर्माने का है प्रावधान
हल्द्वानी। यदि कोई व्यक्ति या कंपनी बिना बैच नंबर और मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट के सामान बेच रहा है तो उस पर कार्रवाई का प्रावधान है। पैकिंग किए सामान पर मानकों को अंकित नहीं करने पर दुकानदार से लेकर कंपनी के संचालक पर तक कार्रवाई का प्रावधान होता है, जिसमें कंपनी और दुकानदार को तीन से पांच लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

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