छत्‍तीसगढ़ सरकार के 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन विधेयक पर सामान्य वर्ग के लोगों ने जताई नाराजगी…

छत्‍तीसगढ़ सरकार के 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन विधेयक पर सामान्य वर्ग के लोगों ने नाराजगी जताई है। समता कालोनी में सामान्य वर्ग हित सुरक्षा आंदोलन के नेतृत्व में बैठक हुई। बैठक में ब्राह्मण समाज, क्षत्रिय समाज, वैश्य अग्रवाल समाज, जैन समाज, सिंधी समाज, मुस्लिम समाज समेत अनेक समाज के लोग शामिल हुए। इस दौरान समाज प्रमुखों ने कहा कि आरक्षण पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोर्ट के फैसले का सभी समाज के लोगों को सम्मान करना चाहिए।

समाज प्रमुखों ने कहा कि यह विधेयक केवल चुनाव जुमला साबित होगा। राज्य के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने एवं आपसी मतभेद पैदा कर वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। सारे समाज के लोग आपसी सौहार्द बनाएं रखते हुए इस विभाजनकारी नीतियों का विरोध करेंगे।

बैठक में कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय, सरयूपारीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष नरेंद्र तिवारी,

सामान्य वर्ग हित सुरक्षा आंदोलन से वेद राजपूत, नविता शर्मा, सिंधी समाज से यश वाधवानी, ऑल इंडिया ब्राह्मण फ्रंट की संगठन मंत्री निवेदिता मिश्रा, करणी सेनो से शक्ति सिंह ठाकुर, अनिल अग्रवाल, सुषमा अग्रवाल, वीना दीक्षित, नवीन निगम, सुधीर नायक, रामभाऊ, क्षत्रिय महासभा से अमर सिंह ठाकुर, विक्रम सिंह आदि उपस्थित रहे।

सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का हो पालन

आरक्षण सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार होनी चाहिए। सामान्य वर्ग 50 प्रतिशत जातिगत आरक्षण का समर्थक है। इससे एससी एसटी, ओबीसी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। 50 प्रतिशत आरक्षण धओपन फार आल कैटेगरी के अनुसार हो, जिसमें सभी वर्ग के युवाओं को अवसर मिल पाए।

76 प्रतिशत आरक्षण नीति लाने से सभी वर्गो का होगा नुकसान

बैठक में अनेक सदस्यों ने कहा कि 76 प्रतिशत आरक्षण नीति लाने से सभी वर्गो का नुकसान होगा। प्रतिभाशाली युवाओं को अवसर नहीं मिल पाएगा। इसका दूरगामी परिणाम सभी समाज और देश को भुगतना पड़ेगा। सरकार की 6 प्रतिशत आरक्षण नीति स्वेच्छाचारी और असंवैधानिक प्रतीत होती है। कारण यह है कि पूर्व में उच्च न्यायलय ने इस तरह की आरक्षण नीति 58 प्रतिशत को 2012 तथा 82 प्रतिशत आरक्षण नीति- 2019 को असंवैधानिक करार दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.