जानिए संसद का शीतकालीन सत्र कब होगी समाप्त…

संसद की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को भी हंगामा हुआ। भारत-चीन मुद्दे पर विपक्षी दल चर्चा की मांग कर रहे हैं। उधर सूत्रों के मुताबिक संसद का शीतकालीन सत्र तय समय से पहले 23 दिसंबर को ही समाप्त हो सकता है।

संसद का शीतकालीन सत्र तय समय से पहले ही समाप्त हो सकता है। संसद के दोनों सदनों जारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही तय समय से हफ्ताभर पहले ही समाप्त हो सकती है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि संसद की कार्यवाही 23 दिसंबर को खत्म हो सकती है।

23 दिसंबर को स्थगित होगा संसद सत्र!

एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी काउंसिल (बीएसी) की बैठक में सर्वसम्मति से संसद के शीतकालीन सत्र को 23 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला किया गया। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर को शुरू हुआ था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी को लेकर भाजपा ने भी संसद में तेवर दिखाए। भाजपा ने खरगे से माफी की मांग की है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अलवर में सोमवार को खरगे ने अभद्र भाषण दिया था। जिस भाषा का प्रयोग किया गया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने जिस तरह से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, निराधार बातें कही और देश के सामने झूठ पेश करने की कोशिश की… मैं उसकी निंदा करता हूं। मैं उनसे माफी की मांग करता हूं।

पीयूष गोयल ने आगे कहा कि खरगे को भाजपा, संसद और इस देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनाई। खरगे ने अपनी मानसिकता और ईर्ष्या की एक झलक दिखाई है।

संसद के बाहर भी BJP का हमला

संसद के बाहर भी भाजपा नेताओं ने खरगे को आड़े हाथ लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कांग्रेस इतने निचले स्तर पर गिर जाएगी ये किसी ने नहीं सोचा था। आजादी की लड़ाई में पूरा देश बलिदान देने के लिए तैयार था। वे लोग किसी दल के रूप में काम नहीं कर रहे थे। वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिज ने कहा कि एक राजनीतिक दल के अध्यक्ष इस तरह बोलेंगे जिसको सुनकर हम सबके बहुत खराब लगता है, इसकी निंदा करना भी मुझे उचित नहीं लगता। हम दुश्मन नहीं प्रतिद्वंदी हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने जिस गलत शब्दों का इस्तेमाल किया है इसी वजह से राजनीतिक स्तर गिरता है।

अपने बयान पर कायम खरगे

भाजपा के विरोध के बावजूद खरगे अपने बयान पर कायम हैं। खरगे ने कहा, ‘मैंने जो कहा वह राजनीतिक रूप से सदन के बाहर था भीतर नहीं। उस पर यहां चर्चा करने की जरूरत नहीं है। मैं अभी भी कह सकता हूं कि स्वतंत्रता संग्राम में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। ये लोग ‘माफी मांगने वाले लोग’ हैं।

खरगे ने आगे कहा, ‘अगर मैं वही दोहराऊंगा जो मैंने बाहर कहा था तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी। माफी मांगने वाले लोग आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लोगों से माफी मांग रहे हैं। मैंने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपना बलिदान दिया। आप में से किसने इस देश की एकता के लिए अपनी जान दे दी?’

खरगे का विवादित बयान

कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान के अलवर में विवादित बयान दिया था। खरगे ने कहा था कि देश के लिए हमारे नेताओं ने तो कुर्बानी दी हैं, लेकिन आपके घर में देश के लिए कोई कुत्ता भी मरा क्या? यही नहीं उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार बाहर शेर की तरह बात करती है, अंदर एक चूहे की तरह काम करती है।’ वह चीन मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने को तैयार नहीं है।

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