मानसून सीजन में ट्रैवल प्लान बनाने से पहले कुछ इन जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखे..

बारिश का मौसम शुरू होते ही लोग अपने घरों से बाहर घूमने निकल पड़ते हैं। जहां कुछ लोगों को लॉन्ग ड्राइव पर जाने में मजा आता है तो वहीं कुछ लोगों को आउटडोर जाने का शौक होता है। ऐसे लोगों को मानसून सीजन में ट्रैवल प्लान बनाने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।

 भारत अपनी विविधताओं को लेकर मशहूर है। पहनावे और खानपान के साथ यहां के भौगोलिक बनावट में भी अनोखे अनुभवों को जीने का मौका मिलता है। कोई हिस्सा केवल पानी से घिरा है, तो किसी हिस्से में केवल रेत है। कहीं केवल आकाश चूमते पहाड़ है, तो कहीं मैदानी इलाका। इन सभी जगहों की अपनी खूबसूरती है, जिसे देखने के लिए भी इनका अपना एक अनुकूल मौसम और वातावरण होता है। आप हर मौसम में हर जगह घूमने नहीं जा सकते। इसलिए ट्रैवल प्लांस बनाने से पहले हमेशा मौसम देखने की सलाह दी जाती है। सर्दी और गर्मी की तरह बारिश के मौसम में भी सही डेस्टिनेशन चुनना बेहद जरूरी है, ताकि आप जब घर वापस लौटें तो आपके पास शेयर करने के लिए खुशियों भरी यादें हों डरावने किस्से नहीं।

इस समय बारिश का मौसम चल रहा है। वहीं, हिमाचल में बाढ़ के कारण हालात काफी गंभीर बने हुए हैं, जिसे देखते हुए सरकार लोगों से इस ओर न आने की अपील कर रही है। अगर आपको भी बारिश के मौसम में पहाड़ों पर जाने की तमन्ना है, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। हम आपको कुछ ऐसे डेस्टिनेशन्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आपको भूलकर भी मानसून सीजन में नहीं जाना चाहिए। यह जगह मानसून के दौरान काफी डरावने हो जाते हैं और यहां भूस्खलन, जलभराव और बाढ़ जैसी आपदा का खतरा बना रहता है।

मानसून सीजन में कहां नहीं जाना चाहिए?

हिमाचल प्रदेश

खूबसूरत और मनमोहक पहाड़ियों और झरनों से घिरा यह राज्य साल भर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वैसे तो हिमाचल की यात्रा दूसरे मौसम में सुरक्षित है, लेकिन बारिश के दौरान यहां जाने से बचने की सलाह दी जाती है। एक हिल स्टेशन होने के कारण, यहां के कई इलाके ऐसे हैं, जो बारिश के दौरान बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। इतना ही नहीं इस दौरान चट्टानें गिरने, भूस्खलन, मिट्टी का कटाव और अचानक बाढ़ आने का भी खतरा बना रहता है।

उत्तराखंड

हिमाचल की तरह ही उत्तराखंड भी एक पहाड़ी इलाका है, जहां बारिश के दौरान कुछ इलाकों में मौसम काफी डरावना हो जाता है। दिल्ली एनसीआर के करीब होने के कारण उत्तराखंड में पूरे साल पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। हालांकि, मानसून सीजन में लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यहां पहाड़ों में भूस्खलन, बाढ़, बादल फटना आम बात है।

ओडिशा

ओडिशा की गिनती वैसे भी उन क्षेत्रों में होती है, जहां बहुत जल्दी बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में मानसून के दौरान यह जोखिम और भी बढ़ जाता है। तटीय क्षेत्र होने के कारण यहां भारी बारिश और तूफ़ान का खतरा मंडराता रहता है, जिसकी वजह से कई मौतें भी हो जाती हैं।

दार्जिलिंग

दार्जिलिंग एक खूबसूरत जगह है लेकिन भारी बारिश होने पर यहां गंभीर बाधाओं का सामना करना पड़ता है। नेचर लवर्स को यह जगह काफी आकर्षित करती है, लेकिन अगर आप बारिश के दिनों में यहां जाते हैं, तो आपका घूमने का प्लान बर्बाद हो सकता है। अव्यवस्थित यातायात, अचानक भूस्खलन, बंद रास्ते आपको दार्जिलिंग की खूबसूरती एन्जॉय नहीं करने देंगे। इसके अलावा फॉग के कारण पहाड़ियों में ड्राइविंग करना भी एक चैलेंज बन जाता है।

सिक्किम

सिक्किम की प्राकृतिक सुंदरता और शांति लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। एकांत की चाह रखने वाले यहां आकर कुछ सुकून के पल बिताना चाहते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में यह जगह भी दूसरे पहाड़ी इलाकों की तरह बारिश के मौसम में बुरी तरह से प्रभावित होती है। कथित तौर पर, यहां की सड़कें इतनी खराब हो जाती हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।

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