घर की कलह दूर करना चाहते हैं तो इस मंत्र के साथ दें आहुति

शारदीय नवरात्र के प्रारंभ होने में बस कुछ दिन ही बचे हैं. यह नौ दिन मां भगवती की उपासना के लिए होते हैं और मां भगवती कभी भी अपने भक्तों को निराश नहीं करती हैं. 27 सितंबर 2022 से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे और प्रतिपदा के दिन कलश की स्थापना के साथ ही नवरात्र का उत्सव शुरू हो जाएगा. नवरात्र के यह नौ दिन ऊर्जा से भरपूर होते हैं. इन दिनों को बेहद शुभ माना जाता है और यह अवसर अपने को शक्ति से जोड़ने का होता है. मां शक्तिस्वरूप हैं और उनकी आराधना कर अपने को शक्तिमय किया जा सकता है और इन दिनों ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे शक्ति क्षय या ह्रास हो. आइए जानते हैं नवरात्र के इन पावन दिनों का कैसे सदुपयोग किया जाए. कहते हैं मां से भक्त सच्चे मन से जो भी कामना करती हैं, वह अवश्य पूरी करती हैं.

घर की कलह दूर करना चाहते हैं तो इस मंत्र के साथ दें आहुति

आपके घर में पारिवारिक क्लेश हैं, जिसके चलते आप बहुत परेशान हैं तो नवरात्र की अष्टमी या नवमी को विधि विधान से हवन करें, उसमें इस मंत्र को उच्चारित करते हुए 108 बार आहुति दें तो निश्चित रूप से घर में शांति आएगी.  

सब नर करहिं परस्पर प्रीति। 

चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।

घर में प्रतिदिन कम से कम 27 बार इस मंत्र का जप करें और हो सके तो परिजन भी जप करें. ऐसा करने से परिवार का माहौल तेजी से बदलने लगेगा.

इस उपाय से दूर होगा आर्थिक संकट

धनलाभ के लिए नवरात्र की अष्टमी या नवमी तिथि को साफ स्थान पर उत्तर की दिशा में मुंह करके आसन पर बैठे. अपने सामने लाल चावलों की एक ढेरी बनाकर उस पर श्रीयंत्र रखें. श्रीयंत्र के सामने तेल के नौ दीपक जलाकर उपासना करें. पूजा के बाद श्रीयंत्र को पूजा स्थल पर स्थापित कर दें. विश्वास मानिए कि आपकी आर्थिक तंगी धीरे-धीरे दूर होने लगेगी और आपको जल्द ही धन लाभ होगा. इस उपाय को करने से व्यक्ति की दरिद्रता का भी नाश हो जाता है.

मनोकामना पूर्ति के लिए अष्टमी को करें यह काम

मनोकामना पूर्ति के लिए अष्टमी तिथि को शिव मंदिर में जाकर परिसर की सफाई करें और शिवलिंग पर सबसे पहले जलाभिषेक, फिर दूध, दही, घी, शहद एवं इत्र आदि चढ़ाकर उनका अभिषेक कर महादेव का श्रृंगार पूरे मन से करें, फिर भोलेबाबा का ध्यान करें. इसी दिन या रात में मंदिर  या फिर घर में  छोटा सा हवन करें, जिसमें ऊं नम: शिवाय का जप करते हुए घी की 108 आहुति दें. इसके बाद 40 दिन तक नित्य ऊँ नम: शिवाय की रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से पांच माला का जप घर पर ही करें. ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूरी होगी.

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