यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में अपराध व भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस नीति के तहत प्रदेश में माफिया को खत्म करने के लिए एक्शन में है। योगी सरकार के कार्यकाल में 9 माह में मुख्तार सहित 10 माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है।
योगी आदित्यनाथ सरकार में अपराध व भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस नीति के तहत सरकारी गवाही की दर बढ़ने से भी माफिया की मुश्किलें बढ़ी हैं। प्रभावी पैरवी के चलते पुलिस ने बीते नौ माह में 10 माफिया के विरुद्ध 17 मुकदमों में सजा सुनिश्चित कराई है। इनमें माफिया मुख्तार अंसारी के अलावा अन्य कुख्यातों के नाम शामिल हैं। प्रदेश में 62 सूचीबद्ध माफिया के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई की जा रही है।
माफिया पर चल रहे मुकदमों की हो रही स्पेशल मानीटरिंंग
इसी कड़ी में अभियोजन निदेशालय ने इस वर्ष भी माफिया के विरुद्ध पैरवी के अपने लक्ष्य को बढ़ाया है। इसके तहत अलग-अलग जिलों में विचाराधीन मुकदमों की मानीटरिंग की जा रही है। माफिया मुख्तार को बीते वर्ष तीन मामलों में सजा सुनाई गई। इसके अलावा आजमगढ़ में हुए हत्याकांड में माफिया ध्रुव सिंह उर्फ कुन्टू सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनााई गई। गैंगेस्टर एक्ट के मामले में भी कुन्टू को दस वर्ष कारावास की सजा हुई।
यूपी के इन माफिया डान पर चला योगी सरकार का हंटर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात योगेश भदौड़ा को जानलेवा हमला तथा आयुध अधिनियम के तहत दर्ज अलग-अलग मामलों सजा सुनाई गई। आयुध अधिनियत के तहत ही माफिया विजस मिश्रा को दो वर्ष की सजा सुनाई गई। वहीं माफिया अजीत उर्फ हप्पू को तीन मामलों में सजा दिलाई गई। माफिया सलीम, रुस्तम, सोहराब, अमित कसाना, अनिल दुजाना व आकाश जाट को भी सजा दिलाई गई। इन माफिया के विरुद्ध दर्ज अन्य मामलों में भी गवाहों को कोर्ट पहुंचाने की रणनीति के तहत कदम बढ़ाए जा रहे हैं।