आंध्र प्रदेश सरकार ने जन सुरक्षा का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सड़कों पर जनसभाओं और रैलियों के आयोजन पर रोक लगा दी है। सरकार ने यह फैसला हाल ही में नेल्लोर में एक राजनीतिक दल की बैठक में 8 लोगों की मौत की घटना के आधार पर लिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, सरकार ने निषेधाज्ञा आदेश पुलिस कानून, 1861 के प्रावधानों के तहत ये आदेश 1 जनवरी की देर रात को लागू किया है। राज्य सरकार ने जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक सरकारी आदेश जारी किया था।
राजनीतिक दलों को रैलियां करने का अधिकार है: भाजपा
मंगलवार को आंध्र प्रदेश सरकार के इस फैसले पर भाजपा ने आपत्ति जाहिर की है। भाजपा ने इस फैसले को अजीब बताया है। भाजपा ने आंध्र प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को रैलियां करने का अधिकार है। भाजपा महासचिव एस विष्णुवर्धन रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने किसी भी विपक्षी दल को सरकार के खिलाफ सड़कों पर आने पर प्रतिबंध लगाने का एक अजीब फैसला लिया।
उन्होंने आगे कहा कि यह अच्छा होता अगर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, दूसरे राजनीतिक पार्टी को मीटिंग करने के आदेश देती। हालांकि, उन्होंने कहा कि जो लोग या पार्टी मीटिंग के दौरान कुछ गलत करें तो उनेक खिलाफ कार्रवाई की जाए। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार ने सार्वजनिक सुरक्षा का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सड़कों पर जनसभाओं और रैलियों के आयोजन पर रोक लगा दी है।
आखिर! क्या है सरकार का आदेश?
सरकार ने अपने आदेश में बताया, ‘सार्वजनिक सड़कों और गलियों में जनसभा करने का अधिकार पुलिस कानून, 1861 की धारा 30 के तहत नियमन का विषय है।’ प्रधान सचिव (गृह) हरीश कुमार गुप्ता ने सरकारी आदेश में संबधित जिला प्रशासन और पुलिस तंत्र से ‘ऐसे स्थानों की पहचान करने के लिए कहा है जो जन सभाओं के लिए सार्वजनिक सड़कों से दूर हों, ताकि यातायात, लोगों की आवाजाही, आपात सेवाओं, आवश्यक सामान की आवाजाही आदि बाधित न हो।’