उत्तराखंड सरकार के सख्त रुख को देखते हुए परिवहन कारोबारियों ने लंबी लड़ाई लड़ने का किया ऐलान

उत्तराखंड में ऑटोमेटड फिटनेस और 10 साल पुराने डीजल के ऑटो-विक्रम को सड़कों से हटाने के आदेश पर उत्तराखंड सरकार के सख्त रुख को देखते हुए परिवहन कारोबारियों ने लंबी लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को प्रदेश स्तर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी है।

परिवहन कारोबारियों का कहना है कि परिवहन विभाग छोटे वाहन मालिकों का मनमाने नियम बनाकर उत्पीड़न कर रहा है। यह किसी सूरत में बर्दाश्त न होगा। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव आदेश सैनी ने कहा कि सरकार मनमाने नियम लागू कर रही है। सुविधाओं को बढ़ाने के बाद ही नियम लागू होना चाहिए।

दून महानगर सिटी बस महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल कहते हैं कि परिवहन विभाग को वाहनों की आयु सीमा तय करने का अधिकार नहीं है। यदि ऐसा कुछ है तो उसे जनता के सामने लाया जाए। उत्तराखंड आटो विक्रम महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने कहा कि यदि सरकार ने मांगों पर कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन तेज किया जाएगा। प्रदेश में सभी यात्री और माल वाहन यूनियनों के साथ विचारविमर्श किया जा रहा है।

परिवहन कारोबारियों की मांगें
आटोमेटेड फिटनेस की अनिवार्यता की अवधि को बढ़ाया जाए।
आरटीओ-एआरटी दफ्तर में तैयार हो आटोमेटेड सिस्टम।
प्राइवेट को दिया जाए तो जांच और उपकरणों का मूल्य तय हो।
10 साल पुराने डीजल वाहनों को सड़कों से हटाने का आदेश निरस्त हो।
आटो-विक्रम को प्रदूषण मुक्त रखने को अपग्रेड करने की रियायत मिले।

Leave a Reply

Your email address will not be published.