किस सवाल को लेकर आमने-सामने आए एरिका-करण

क्या टीवी कलाकार जब फिल्मों में काम करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें भेदभाव महसूस होता है? क्या भारत में फिल्मों और टीवी के बीच अभी भी बड़ा अंतर देखने को मिलता है और छोटे पर्दे पर काम करने वाले कलाकारों को छोटा महसूस कराया जाता है? इन सभी सवालों के जवाब हाल ही में, अभिनेत्री एरिका फर्नांडिस ने दिया है। आइए जानते हैं कि अभिनेत्री ने क्या कहा है।

हाल ही में, अपने शो ‘लव अधूरा 2’ का प्रमोशन करते हुए करण और एरिका ने बॉलीवुड में भेदभाव का सामना करने के बारे में अलग-अलग विचार रखे। हालांकि, दोनों कलाकार की इस विषय पर विपरीत राय थी। एरिका ने कहा कि इंडस्ट्री में उनके साथ बुरा व्यवहार होता था। वहीं, करण ने कहा कि ‘मुबारकां’ के सेट पर उनके साथ बाकी कलाकारों ने काफी अच्छा व्यवहार किया था।

एरिका ने अपनी राय साझा करते हुए कहा, “मेरे पास एक अलग जवाब है और उनके पास एक अलग है। मैंने इसका सामना किया है। मैंने इसे पुरस्कार समारोहों में भी देखा है और कई बड़े नामों ने ऐसा किया है। हॉलीवुड में टीवी और फिल्म दोनों को हॉलीवुड कहा जाता है तो फिर यहां भेदभाव क्यों है? यह भेदभाव खुद कलाकारों ने पैदा किया है।”

वहीं, करण कुंद्रा कहते हैं, “हमारे पास पहले बहुत समान उत्तर थे, लेकिन फिर मैंने जाकर ‘मुबारकां’ फिल्म साइन की और इस फिल्म में अनिल कपूर,रत्ना पाठक शाह, अनीस बज्मी और राहुल देव जैसे कलाकार शामिल थे। जब मैं वहां था तो अर्जुन, इलीन, अनिल सर या रत्ना मैम में से कोई भी भेदभाव नहीं कर रहा था। पवन मल्होत्रा के साथ यह मेरी दूसरी फिल्म थी और उन्होंने मुझे बताया कि आप टीवी वाले इसे कैसे करते हैं। तभी मुझे एहसास हुआ कि जिन लोगों ने इसे बनाया है वे इस सब के बारे में बात नहीं करते हैं, केवल वे ही इसके बारे में बात करते हैं, जिन्होंने इसे नहीं बनाया है।”

बातचीत के दौरान, एरिका ने यह भी साझा किया कि वह एक योद्धा राजकुमारी की भूमिका निभाना चाहती थी, जबकि करण ने कहा, “मैं एक ऐसी विरासत का हिस्सा बनना चाहता हूं, जिसमें बहुत सारी कहानियां हैं। मैं उस स्तर पर पहुंच गया हूं जहां मैं अब सही कहानियों की तलाश में हूं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published.