जल्लीकट्टू में केवल 25 खिलाड़ी ही एक समय में लेंगे भाग..

तमिलनाडु में पारंपारिक खेल जल्लीकट्टू की शुरूआत हो चुकी है। जिला कलेक्टर अनीश शेखर ने कहा कि खेल के दौरान सावधानी से सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा। खेल में केवल 25 खिलाड़ी ही एक समय में भाग लेंगे। ( फाइल फोटो)

 भारतीय संस्कृति विविधताओं से परिपूर्ण है। जिसके तहत विभिन्न संस्कृति के त्यौहारों को हर राज्यों में मनाने की अलग अलग परंपराएं हैं। मकर संक्रांति का पर्व देश में विभिन्न तरीकों के नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। दक्षिण भारत में इसे पोंगल कहते हैं। ये त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान जल्ली कट्टू खेल का आयोजन भी किया जाता है। जल्‍लीकट्टू तमिल नाडु के ग्रामीण इलाकों का एक परंपरागत खेल है जो हर साल पोंगल त्यौहार पर आयोजित होता है।

जल्लीकट्टू खेल में बैलों से इंसानों की होती है लड़ाई

जल्लीकट्टू खेल में बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है। परंपरा के मुताबिक इस साल भी जल्लीकट्टू खेल का आयोजन किया जा चुका है। इस खेल में एहतियात बरतने पर भी बौलों से लड़ाई होने पर कई लोग बुरी तरह से घायल हो जाते हैं। हालांकि इस साल भी जल्लीकट्टू खेल के दौरान तमिलनाडु सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने विशेष दिशा निर्देशों का अनुपालन करने के लिए कहा है।

25 खिलाड़ी ही एक समय में लेंगे भाग

तमिलनाडु के मदुरै जिला कलेक्टर अनीश शेखर ने जल्लीकट्टू खेल में खिलाड़ियों की सुरक्षा और विशेष दिशा- निर्देशों का जायजा किया है। जिला कलेक्टर अनीश शेखर ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम जल्लीकट्टू खेल के दौरान सावधानी से सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ तमिलनाडु सरकार के सभी नियमों का पालन करेंगे। खेल के दौरान किसी भी बड़ी घटना या अनहोनी से बचने के लिए अवनियापुरम में हाईकोर्टने भी दिशा- निर्देश जारी किए हैं। अनीश शेखर ने बताया कि खेल में केवल 25 खिलाड़ी ही एक समय में भाग लेंगे।

300 से 800 से अधिक खिलाड़ी ले सकते हैं भाग

मदुरै जिला कलेक्टर अनीश शेखर ने आगे यह भी कहा कि इस साल जल्लीकट्टू खेल में हम 300 खिलाड़ियों और 800 से अधिक खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अवनियापुरम में आयोजित जल्लीकट्टू खेल के सुचारू संचालन के लिए सभी इंतजाम कर लिए हैं। सांडों के साथ-साथ खिलाड़ियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि खेल के मैदान में बैल खेलते हैं। जिस वजह से दर्शकों की एक अहम हिस्सा है। लोगों की सुरक्षा के लिए जल्लीकट्टू खेल के दौरान बैरिकेडिंग के 3 स्तर लगाए गए हैं।

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