पुलिस का शिकंजा कसने और 25 हजार रुपये इनाम घोषित होने के बाद माफिया अजीत शाही ने शहर छोड़.. 

 सर्विलांस की मदद से पुलिस घेराबंदी में जुटी थी लेकिन जिन मोबाइल नंबरों के जरिये पहुंचने की कोशिश चल रही थी वह बंद हो गए हैं।

 पुलिस का शिकंजा कसने और 25 हजार रुपये इनाम घोषित होने के बाद माफिया अजीत शाही ने शहर छोड़ दिया है। सर्विलांस की मदद से पुलिस घेराबंदी में जुटी थी, लेकिन जिन मोबाइल नंबरों के जरिये पहुंचने की कोशिश चल रही थी वह बंद हो गए हैं। बचाव करने वाले सफेदपोश व समर्थक भी भूमिगत हैं।

सोमवार की रात में पुलिस दी रेलवे कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष अनिल सिंह के घर भी पहुंची लेकिन वह नहीं मिले। इसी माह माफिया अजीत शाही के घर मांगलिक कार्यक्रम था, जिसमें शहर के कई सफेदपोश व बदमाश पहुंचे थे। कई लोगों ने माफिया के साथ फोटो खिंचवाकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर करते हुए बताया था कि सुखद मुलाकात हुई।

कचहरी के बाहर मुस्तैद रही पुलिस

शाहपुर थाने में जबरिया वसूली, धमकी व बलवा का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने शिकंजा कसा तो माफिया अजीत शाही के साथ फोटो शेयर करने वालों ने फेसबुक व इंस्टाग्राम से पोस्ट डिलीट कर दिया। माफिया के आत्मसमर्पण करने की सूचना पर दो दिन से कचहरी के आसपास शाहपुर व कैंट थाने की पुलिस मुस्तैद है।

एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि माफिया व सहयोगियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। तलाश में पुलिस गोरखपुर के साथ ही आसपास के जिलों में छापेमारी कर रही है। कई ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया जिनके अजीत शाही से नजदीकी संबंध हैं उनसे भी पूछताछ होगी।

शहर में दहशत

शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने जिले के टाप 10 बदमाशों की सूची में माफिया अजीत शाही का नाम शामिल किया लेकिन कुछ दिन बाद बाहर कर दिया। इसके बाद से अजीत शाही व उसके गुर्गों का हौसला बढ़ गया। चर्चा है कि उसकी दहशत पूरे शहर में है। कई कंपनियों के लिए बतौर रिकवरी एजेंट काम करता है।

यह है मामला

बेतियाहाता में रहने वाला अजीत शाही मूल रूप से देवरिया जिले का निवासी है। उसके विरुद्ध कैंट, शाहपुर, गुलरिहा समेत जिले के कई थानों में 33 मुकदमे दर्ज हैं। 12 मई को माफिया साथियों संग रेलवे कारखाना के पास स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के दी मैकेनिकल डिपार्टमेंट प्राइमरी कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड में पहुंचा।

बैंक अध्यक्ष अनिल सिंह, कर्मचारी कौशल कुमार शाही उर्फ बमभोले व प्रदीप श्रीवास्तव भी थे। आरोप है सचिव व बैंककर्मियों पर माफिया दबाव बनाने लगा कि अध्यक्ष के रिश्तेदार की कंफर्म नियुक्ति करा दें। जान से मारने की धमकी देने लगा। बैंक के सहायक सचिव धीरेंद्र श्रीवास्तव ने आरोपितों के विरुद्ध शाहपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

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