‘बिग बॉस 17’ जीतने के बाद घर बसाने जा रहे मुनव्वर फारूकी…

‘बिग बॉस 17’ का ग्रैंड फिनाले बीती रात संपन्न हुआ। स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने विनर का खिताब अपने नाम किया। साथ ही चमचमाती ट्रॉफी भी हाथ में उठाई। विनर बने मुनव्वर को 50 लाख रुपये बतौर पुरस्कार राशि हासिल हुई, और वह एक ब्रैंड न्यू कार भी अपने साथ ले गए। मुनव्वर ने अभिषेक कुमार को पीछे छोड़कर विनर का ताज पहना। डोंगरी के रहने वाले मुनव्वर फारूकी और उनके फैंस के लिए जश्न का माहौल है। विजेता बनने के बाद मुनव्वर का पहला इंटरव्यू भी सामने आ गया है, जिसमें वह अपने फैंस का शुक्रियाअदा करते और अपनी उतार-चढ़ाव भरी जर्नी पर खुलकर बात करते नजर आए हैं।

मुनव्वर फारूकी ने ‘बिग बॉस 17’ की ट्रॉफी उठाने के अनुभव को साझा करते हुए कहा, ‘यह एहसास अवास्तविक था, जिस तरह से मेरी यात्रा रही है, वह पल ऐसा था कि मैं उस ट्रॉफी का वजन महसूस कर सकता था। इस ट्रॉफी की मुझे बहुत कीमत चुकानी पड़ी, लेकिन यह इसके लायक है। अंत में, जो महत्वपूर्ण था वह सिर्फ ट्रॉफी को घर ले जाना नहीं था, बल्कि बहुत सी चीजें थीं।’ मुनव्वर ने ट्रॉफी अपनी मां को समर्पित करते हुए एक खूबसूरत शायरी बोली, ‘तू साथ न मां, पर साथ तेरा साया था, कितना मशहूर रुतबा एक कमाया था, वो तोड़ने आए थे मेरा मिट्टी का महल, लेकिन बेटा मुमताज का उनका ताज छीन के आया था।’

शो में अपनी निजी जिंदगी को खींचे जाने पर अपने विचार साझा करते हुए, ‘बिग बॉस 17’ के विजेता ने कहा, ‘शो में मेरी निजी जिंदगी को इस हद तक घसीटे जाने से मैं ठीक नहीं था, लेकिन चीजें मेरे नियंत्रण में नहीं थीं। यह ऐसी स्थिति थी जिसका मैं सामना नहीं करना चाहता था, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। मैंने जो कुछ भी किया उस पर मुझे गर्व नहीं है, लेकिन मुझे आगे बढ़ना है और चीजों को अब बेहतर बनाना है। मुझे इस बात की खुशी है कि यहां से मुनव्वर एक और अच्छा इंसान बनकर घर जा रहा है।’

जब मुनव्वर से पूछा गया कि क्या इस घटना ने उन पर मानसिक रूप से भी असर डाला, तो मुनव्वर ने खुलासा किया, ‘मैं बहुत मानसिक रूप से टूट गया हूं, एक भी दिन ऐसा नहीं था जब मैं कंबल के नीचे या बाथरूम में नहीं रोया हूं। मैं बहुत असहाय महसूस कर रहा था, मानसिक रूप से भी मुझ पर असर पड़ रहा था, लेकिन मैंने ठान लिया था कि मुझे इसका सामना करना पड़ेगा।’

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