रायपुर मुख्य डाकघर में अब तय समय पर खुल जाते हैं सारे काउंटर..

छत्तीसगढ़ की राजधानी के मुख्य डाकघर में रोजाना सुबह राष्ट्रगान की ऐसी व्यवस्था की गई है कि यहां के अधिकारी-कर्मचारी स्वयं ही अनुशासित हो गए हैं। डाकघर में डाकियों के आने का समय प्रात: नौ बजे व अधिकारी-कर्मचारी का 10 बजे है, लेकिन वे अक्सर लेटलतीफ होते थे। ऐसे में सुबह 8.58 बजे और 9.58 बजे राष्ट्रगान की व्यवस्था शुरू की गई। इससे अब पूरा स्टाफ राष्ट्रगान के पांच-सात मिनट पहले ही पहुंचने लगा है।

अब तय समय पर खुल जाते हैं सारे काउंटर

इसका लाभ यह हुआ कि अब डाक का वितरण समय से शुरू हो जाता है। सारे काउंटर भी 10 बजे खुल जाते हैं। इससे उपभोक्ताओं को समय पर सेवा मिलने लगी है। सरकारी कार्यालयों में स्टाफ का विलंब से आना कोई नई बात नहीं है। राजधानी का मुख्य डाकघर भी इससे अछूता नहीं था। इसका सबसे ज्यादा नुकसान यहां पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को होता था। कई बार तो आधे घंटे विलंब भी कुछ काउंटर खुलते थे। उपभोक्ताओं को तब तक इंतजार करना पड़ता था। इसकी शिकायतें भी होतीं, लेकिन नतीजा कुछ न निकलता।

विलंब होने की आत्मग्लानि ला देती है सुधार

राष्ट्रगान वाली व्यवस्था को लेकर शुरुआत में उतनी गंभीरता नहीं दिखाई गई, लेकिन जब कोई कर्मचारी विलंब से पहुंचता तो उसे आत्मग्लानि होती और अगले दिन से वह समय पर पहुंचने लगा। इस तरह आज पूरा स्टाफ अनुशासित हो गया है। इस तरह हुई शुरुआत : वरिष्ठ डाकपाल केपी वर्मा बताते हैं कि लगभग तीन माह पहले ही वे तबादले पर रायपुर आए हैं।

बिलासपुर के मुख्य डाकघर में भी कोरोनाकाल के दौर में राष्ट्रगान वाली व्यवस्था शुरू की थी। इससे वहां का पूरा स्टाफ अनुशासित हो गया है। रायपुर में आने के बाद यहां भी यह व्यवस्था लागू की है। इससे सभी समय पर डाकघर पहुंचने लगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.