शनि देव की पूजा में इन नियमों का करें पालन

सनातन धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। शनिवार का दिन भगवान शनि देव को समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान शनि देव की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष काम में सफलता पाने के लिए साधक व्रत भी रखते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो करियर और कारोबार में तरक्की और उन्नति पाने के लिए शनिदेव की कृपा अनिवार्य है। बता दें कि शनिवार का दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उपयोगी माना गया है। धार्मिक मत है कि भगवान शनि देव की पूजा में नियमों का पालन न करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए भगवान शनि देव की पूजा में नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है।

शनि देव पूजा के नियम
भगवान शनि देव की पूजा में शामिल होने से पहले स्नान कर और साफ वस्त्र धारण करें।
भगवान शनि देव की पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करें।
आरती के वक्त तेल का दीपक और धूप जलाएं।
इसके पश्चात पुष्पांजलि अर्पित करें।
भगवान शनि देव को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
पूजा के समय इन नियमों का पालन कर भगवान शनि देव के सामने अपनी प्रार्थना कर सकते हैं।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शनि देव की पूजा में लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि लाल रंग मंगल का परिचायक माना जाता है।
भगवान शनि देव की पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

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