एसेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भर दिया है तो उसके बाद आपको अभी एक काम और करना होगा। जिसके बाद ही आइटीआर की प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी। करदाता को आइटीआर भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन भी करना होगा। अगर करदाता ऐसा नहीं करते हैं तो उनका ITR इनवैलिड करार दिया जाएगा।
कैसे ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होगी पूरी?
1- डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट के जरिए।
2- रजिस्टर्ड मोबाइल जो आधार कार्ड से जुड़ा उस पर आए ओटीपी के जरिए।
3- इलेक्ट्राॅनिक वेरिफिकेशन कोड (EVC) का प्रयोग करते हुए ई-वेरीफाई की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
4- बैंक अकाउंट के इलेक्ट्राॅनिक वेरिफिकेशन कोड जनरेट करके भी ई-वेरिफिकेशन किया जा सकता है।
5- डीमैट अकाउंट के जरिए इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड जनरेट करके ई-वेरीफाई की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
कैसे पता चलेगा ई-वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हुई है या नहीं?
एक सक्सेज मैसेज ट्रांजैक्शन आइडी के साथ डिस्प्ले हो जाएगी। साथ ही आपके रजिस्टर्ड ई-मेल आइडी पर एक मेल भी चला जाएगा।
ई-वेरिफिकेशन के लिए इन्हें मिलेगा सिर्फ 30 दिन
आयकर की आखिरी तारीख बीत जाने के बाद जो करदाता रिटर्न दाखिल करेंगे उनके लिए जुर्माना तो लगेगा ही साथ ही सरकार ने ई-वेरिफिकेशन के नियम भी सख्त कर दिए हैं। वित्तमंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक अब ऐसे लोगों को ई-वेरिफिकेशन के लिए सिर्फ 30 दिन ही मिलेंगे। यही नहीं वेरिफिकेशन की तारीख को ही आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख मानी जाएगी और उसी हिसाब से लोगों के ऊपर ब्याज और लेट फीस लगाई जाएगी।