बीएस-6 स्कूटर या बाइक का किस तरह रखें ध्यान

प्रदूषण को कम करने के लिए वाहन निर्माताओं की ओर से बीएस-6 नियमों के मुताबिक ही वाहनों की बिक्री देशभर में की जा रही है। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि अगर आपके पास भी बीएस-6 नियमों वाली बाइक या स्कूटर है तो उनका किस तरह से ध्यान रखा जा सकता है।

पेट्रोल टैंक का रखें ध्यान
बीएस-6 के साथ आने वाली बाइक और स्कूटर के पेट्रोल टैंक का ध्यान रखना काफी जरूरी होता है। फ्यूल टैंक में जंग नहीं लगना चाहिए और धूल-मिट्टी और गंदगी अंदर नहीं जानी चाहिए। अगर गलती से पानी या कोई बाहरी तत्व ईंधन टैंक में पहुंच गया तो फ्यूल इंजेक्टर्स काम करना बंद कर देंगे।

सफाई का रखें ध्यान
फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में कई फ्यूल इंजेक्टर्स होते हैं। इन्हें समय-समय पर ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर ही साफ करवाना चाहिए। इन गाड़ियों के साथ मिलने वाली मैनुअल गाइड में बताया जाता है कि बीच-बीच में इनकी सर्विस कराया जाना जरूरी है। इसका पालन करने से न केवल बाइक की वारंटी बरकरार रहेगी, बल्कि इंजन भी ठीक रहेगा।

कूलेंट भी जरूरी
अगर आपकी बाइक में कूलेंट डलता है तो ध्यान रखें कि कूलेंट का स्तर बरकरार रहे और गंदा न हो। स्कूटर में कूलेंट नहीं डलता है। ध्यान रखें कि बीच-बीच में कूलेंट बदलते रहें। अपनी गाड़ी के कंसोल पैनल पर बनने वाले इंटीकेटर्स लाइट्स पर जरूर ध्यान दें। अगर सफर के दौरान इंस्ट्रूमेंट कंसोल में कम कूलेंट का साइन नजर आता है तो आप उसमें पानी भी डाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए मैनुअल गाइड चेक करना न भूलें।

एयर फिल्टर रखें साफ
किसी भी बाइक या स्कूटर के इंजन तक साफ हवा पहुंचाने के लिए एयर फिल्टर का अहम रोल होता है। सर्विस मैनुअल में लिखा होता है कि कब एयर फिल्टर को बदला या साफ किया जाए। आमतौर पर 40 हजार किमी पर बदलने की जरूरत होती है। वहीं अगर इसकी अनदेखी करते हैं तो वाहन कम माइलेज देगा, साथ ही उसकी परफॉरमेंस पर भी असर पड़ता है।

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