अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: दिल्ली एयरपोर्ट को आज सिर्फ महिलाएं संचालित करेंगी

सभी टर्मिनल पर सिर्फ महिलाएं ही नजर आएंगी। यही नहीं एयरपोर्ट भी गुलाबी रंग में रंगा होगा। दरअसल, एयरपोर्ट संचालित करने वाली कंपनी ने ऑल वुमन शिफ्ट की घोषणा की है।

दिल्ली एयरपोर्ट का नजारा शुक्रवार को बदला-बदला दिखेगा। सभी टर्मिनल पर सिर्फ महिलाएं ही नजर आएंगी। यही नहीं एयरपोर्ट भी गुलाबी रंग में रंगा होगा। दरअसल, एयरपोर्ट संचालित करने वाली कंपनी ने ऑल वुमन शिफ्ट की घोषणा की है।

इसका मकसद एविएशन इंडस्ट्री में समानता को बढ़ावा देना है। इसे पिंक शिफ्ट नाम दिया गया है। एयरपोर्ट के तीनों टर्मिनलों पर महिलाएं तैनात रहेंगी। महिला कर्मचारी आठ घंटे की पूरी शिफ्ट संभालेंगी। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने कहा कि आठ मार्च को पूरे एक शिफ्ट में सिर्फ महिलाएं होंगी। टर्मिनल के संचालन में महिलाओं का विशेष योगदान बराबर रहता है।

इस पहल से विमानन सेक्टर में अपना कॅरिअर बनाने के लिए इच्छुक महिला पेशेवरों के लिए प्रेरणा का काम करेगा। लैंगिक रूढ़ीवादिता को तोड़ने में कारगर साबित होगा। उधर, टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने लाइन वुमन आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा की किरण है।

इस क्षेत्र में महिलाओं की असीमित क्षमता है। विभिन्न शहरों की लाइन वुमन को इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। दिल्ली से कर्नाटक तक और मध्य प्रदेश से उत्तराखंड तक महिलाएं पुरानी धारणाओं को तोड़कर लाइनकर्मी, इंजीनियर और लीडर बन कर अपनी पहचान बना रही हैं।ं

एनडीएमसी ने मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बृहस्पतिवार को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में महिला कर्मचारी कल्याण यूनियन की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम-2024 में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। एनडीएमसी के कल्याण विभाग के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम ने महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपाध्याय ने महिलाओं और समाज में उनके अमूल्य योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व पर जोर दिया। इस वर्ष की थीम महिलाओं में निवेश प्रगति में तेजी लाएं पर विचार करते हुए उन्होंने मौलिक मानवाधिकार मुद्दे और समावेशी समाजों के निर्माण के लिए उत्प्रेरक के रूप में लैंगिक समानता की अनिवार्यता को रेखांकित किया।

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