सरकार की योजना से देश में 18 स्टार्टअप बन गए यूनिकॉर्न

टियर-1 शहरों से अलग अब तक 129 स्टार्टअप को 1,590 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। इन शहरों में वित्त वर्ष 2017 में इन शहरों में 38 सौदे हुए थे, जिनकी संख्या 2022-23 में बढ़कर 97 पहुंच गई।

देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) योजना के अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। इस योजना की मदद से 18 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन गए हैं। देश में अभी 105 यूनिकॉर्न हैं। एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है।

स्टार्टअप के लिए सरकार ने फंड ऑफ फंड्स योजना के तहत दिसंबर, 2024 तक 129 वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) को 10,229 करोड़ देने का वादा किया है। इसके परिणामस्वरूप देश में 18 यूनिकॉर्न को फंडिंग मिली है। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के मुताबिक, एफएफएस योजना ने 969 यूनिक स्टार्टअप में एआईएफ के जरिये 17,534 करोड़ का निवेश जुटाया है। कुल मिलाकर, इस योजना ने 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की घरेलू पूंजी जुटाने में मदद की है। सिडबी की फंड ऑफ फंड्स योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी। इसके तहत घरेलू स्टार्टअप तंत्र को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

105 यूनिकॉर्न हैं भारत में अभी ये हैं 18 यूनिकॉर्न
शेयरचैट, लेंसकार्ट, डिजिट, अनअकैडमी, स्लाइस, डीलशेयर, क्योरफिट, स्पीनी, एको, ममाअर्थ, क्रेडएवेन्यू, माईग्लैम, पर्पल, जेटवेर्क, लीडस्क्वायर्ड, ड्रॉइनबॉक्स, फर्स्टक्राई और यूनिफोर।

हेल्थकेयर क्षेत्र को सर्वाधिक मदद
योजना के जरिये जिन स्टार्टअप को सर्वाधिक मदद मिली है, उनमें 11 फीसदी हेल्थकेयर/हेल्थ-टेक से जुड़े हैं। छह फीसदी स्टार्टअप कृषि और एग्रीटेक स्पेस क्षेत्र से संबंधित हैं।

छोटे शहरों में भी बढ़ा निवेश
टियर-1 शहरों से अलग अब तक 129 स्टार्टअप को 1,590 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। इन शहरों में वित्त वर्ष 2017 में इन शहरों में 38 सौदे हुए थे, जिनकी संख्या 2022-23 में बढ़कर 97 पहुंच गई।

9,500 करोड़ के फंड से नए उद्यमों को बढ़ावा
सिडबी के चेयरमैन एस रमन ने कहा, फंड ऑफ फंड्स योजना ने देश में नए उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 9,500 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है। इस रकम से 100 से अधिक अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स ने 56,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। रमन ने एक कार्यक्रम में कहा, एआईएफ क्षेत्र अधिक उत्साहित हो रहा है। फंड प्रबंधकों को अब भी बहुत पैसा लगाना बाकी है। अंतरिम बजट में स्टार्टअप, सॉवरेन व पेंशन फंड और गुजरात के गिफ्ट सिटी में स्थित कुछ निवेश संस्थानों के लिए कर लाभ को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2025 तक करने का प्रस्ताव किया गया है।

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